Ashok Sanatani's Album: Wall Photos

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क्या नकली गांधी परिवार ब्लैकमेल का शिकार है... क्या चीन ब्लैकमेल कर रहा है इन्हें...जिन लोगों ने CIA, KGB और मोसाद जैसी गुप्तचर एजेंसियों के सच्चे किस्से पढ़े होंगे उन्हें अवश्य पता होगा कि ये कितनी खतरनाक और प्रभावी हैं, पाकिस्तान की ISI भी इसी नक्शे कदम पर है, विभिन्न राष्ट्रों के कद्दावर नेताओं,यहाँ तक कि राष्ट्राध्यक्षों को ये पर्दे के पीछे रह कर पहले तो तमाम प्रलोभन देकर ललचाती हैं... फिर उनके पुख्ता और प्रामाणिक सबूत रखकर उन राजनेताओं को ब्लैकमेल करते हुए अपने इशारों पर नचाती हैं अनेक बार काम न बनने पर अपने कठपुतली नेताओं को सत्तारूढ़ कराने के लिए ये देशों में तख्तापलट तक करवा देती हैं हिंसा, सेक्स और पैसा इनके अस्त्र होते हैं आपकी जानकारी में होगा कि द्वितीय विश्वयुद्ध में जब हिटलर की पराजय नामुमकिन लग रही थी और उसने ग्रेट ब्रिटेन को लगभग नेस्तनाबूद कर दिया था तब ब्रिटेन की सेनाओं ने नहीं बल्कि उसकी गुप्तचर संस्था m१५ थी जिसने असंभव को संभव बनाते हुए बाजी पलट दी और हिटलर पराजित हुआ...?
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने भी स्वीकार किया था कि भारत के अनेक कांग्रेसी और कम्युनिस्ट नेता सोवियत संघ की गुप्तचर संस्था KGB से नियमित फंडिंग प्राप्त करते थे, नेहरू भी अपनी व्यक्तिगत आदतों और लापरवाही के कारण KGB के ट्रैप में फंसकर रूसी गुर्गा बने रहने के लिए ब्लैकमेल किये जाते रहे थे...वहीं, जब अगले प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जैसे सद्चरित्र,ईमान दार एवं पारदर्शी व्यक्तित्व के स्वामी को रूस किसी भी तरह से अपने जाल में फंसाने में नाकामयाब रहा और भारत को उसने अपनी मुट्ठी से फिसलता पाया, तो उनकी ताशकंद में हत्या करवा कर रास्ते का रोड़ा निकाल दिया, ताकि इंदिरा गांधी को गद्दीनशीं किया जाये... इंदिरा गांधी का व्यक्तित्व भी मानवीय कमजोरियों और आचरण का ऐसा उदाहरण था, जिसके आधार पर उन्हें पहले तो प्रलोभन देना, फिर उसका प्रमाण रखते हुए ब्लैकमेल करना कोई मुश्किल काम न था, १९७१ के भारत-पाक युद्ध में हमारी सेनाओं द्वारा उदाहरणीय विजय और पाकिस्तान के लगभग एक लाख सैनिकों को युध्दबंदी बनाने के बाद भी शिमला समझौते के माध्यम से जीते हुए युद्ध को पराजय में परिवर्तित कर देना पूरी दुनिया को ही नहीं वरन स्वयं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो को भी विस्मय में डाल गया, जिसका स्पष्ट उल्लेख उन्होंने अपनी पुस्तक में किया...निश्चय ही कोई देश और ताकतवर गुप्तचर संस्था इंदिरा गांधी को ब्लैकमेल कर रहे थे... राजीव गांधी और उनके बाद सोनिया तथा राहुल की कठपुतली मनमोहन सिंह के शासनकाल में तो इन्हें प्रलोभन देना... फिर प्रमाण रखते हुए ब्लैकमेल करना दुनियाभर की गुप्तचर संस्थाओं के लिए बायें हाथ का खेल रहा होगा... हथियारों के सौदागर अपने खरबों रुपये की डील करवाने के लिए क्या क्या खेल नहीं खेलते ये सर्वविदित है सोनिया, राहुल और वाड्रा की अनुमानित दो लाख करोड़ रुपयों से ऊपर की अकूत संपदा का स्त्रोत क्या रहा होगा और इसे उन्हें उपलब्ध कराने वाले सौदागरों ने उन्हें किस तरह ट्रैप किया होगा, आप थोड़ा सोचिये कि इन कच्चे खिलाड़ियों को पटाने में एजेंसियों को अधिक मुश्किल नहीं आई होगी... ऐसे में भारत पर प्रभु की कृपा होती है और राजनैतिक पटल पर एक ऐसा दैदीप्यमान सितारा उभरकर सामने आता है जो न तो किसी से डरता है, न ही झुकता है और न ही किसी प्रलोभन का शिकार होता है उस राजनेता को भी डिगाने में इन सौदागरों और खतरनाक गुप्तचर संस्थाओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी होगी परंतु भारतमाता का सपूत वह सन्यासी डिगा नहीं होगा और भारत को वैश्विक परिदृश्य में अग्रणी बनाने के लिए दिन रात परिश्रम करता रहा और किसी हद तक कामयाब भी हुआ वह है “नरेंद्र मोदी जी”...ऐसे में दुनिया के ताकतवर मुल्क बैचैन, परेशान, खासतौर पर चीन जो अपनी विस्तारवादी साम्राज्यवादी नीति में मोदी को एक रोड़ा मानता है।ऐसे में क्या किया जाये...नकली गांधी परिवार के कुकृत्यों का प्रामाणिक कच्चा चिट्ठा खोला जाये, उन्हें मजबूर किया जाये कि बताओ क्या सामरिक और गुप्त योजना है तुम्हारे देश की चीन के प्रति... बताओ, अन्यथा हम तुम्हारे कारनामों को सार्वजनिक करके तुम्हें बर्बाद कर देंगे...?
सोनिया और राहुल अपने सूत्रों के माध्यम से गुप्त योजनाओं को जानने का प्रयास करते हैं परंतु यहाँ तो एक और खतरनाक आदमी बैठा है जिसके सीने में ही बड़े बड़े राज़ दफन रहते हैं और जिसका दायाँ हाथ काम करता है तो बायें तक को पता नहीं चलता...उसका नाम है “अजीत डोभाल”...?
राहुल को चीनी दूतावास में गुप्त तरीके से तलब किया जाता है, कड़क तरीके से पूछा जाता है...क्या खबर है, बताओ...राहुल मजबूरी प्रदर्शित करते हैं कुछ पता नहीं चल रहा साहब...चीन धमकी देता है... हमें कोई मतलब नहीं, हमें हर हालत में तुम्हारी सरकार और सेना के प्लान चाहिये अन्यथा तुम्हारा बुरा हाल करेंगे, तुम्हारे राज़ दुनिया को बता देंगे... अब आप समझिए,राहुल की ये परेशानी अब इस स्थिति तक पहुँच चुकी है कि वह भारत सरकार को चेतावनी देकर कह रहा है कि भारत चीन सीमा विवाद में भारतीय सेना और सरकार क्या कदम उठा रही है क्या कर रही है, कैसे निपट रही है उसे जनता के सामने रखे... अरे, मिलिट्री के प्लान जनता के सामने... यकीन नहीं होता कि देश की सबसे पुरानी पार्टी का सर्वोच्च नेता इतनी बचकानी हरकत करेगा... परंतु यकीन करना पड़ेगा जब आपको इसके पीछे के ब्लैकमेल का प्रेशर दिखाई देगा... भारत का चीन को सीमा विवाद के मामले में रणनीति बनाकर बैकफुट पर धकेल देना चीन के पिट्ठुओं को हजम नहीं हो रहा, उनका आका चीन उन्हें लताड़ रहा है कि तुम लोगों को हमने किस दिन के लिए पालपोस कर रखा हुआ है...अब ये खतरनाक गुप्तचर एजेंसियां और देश रहस्य उगलवाने में, नरेंद्र मोदी को रोकने में असफल होकर सोनिया, राहुल और प्रियंका पर इस कदर प्रेशर डाल रहे हैं कि कोरोना महामारी से जो कुशलता से लड़ाई सरकार लड़ रही है उसे भी ये छिन्नभिन्न करने को उद्यत हैं इनके हास्यास्पद बयान, इनका लॉकडाउन के प्रति असमंजस भरा नज़रिया, इनकी ऊलजलूल हरकतें, ऐसे संकट के समय भी देश के साथ खड़े न दिखना इनकी संदिग्धता को और पुष्ट कर देता है परंतु क्या करें...?
इनकी मजबूरी है जिसके लिए ये हिंदुस्तान की सड़कों को लाशों से पाट देने और देश के टुकड़े करने से भी बाज नहीं आयेंगे... इन्हें ज़बरदस्त ब्लैकमेल किया जा रहा है इसके लिये, इनकी जान सांसत में फंसी है... निजी स्वार्थो के चलते भारत में नेहरु गांधी खानदान के देशद्रोह और कमीनगी का इतना गहन और लंबा है कि साधारण इंसान के लिए उसे याद रखना भी असम्भव हैं। लेकिन दुखद यह कि आज भी भारत की जनता का एक हिस्सा इस देशद्रोही गद्दार लुटेरे नीच परिवार को देशभक्त समझता है... भारत चीन टेंशन के बीच आजकल आप सभी लोग सोनिया और राहुल के ब्यान और भाषण देश और सुन रहे होंगे जिसमे ये गद्दार भारत के प्रति अपनी चिंताए जाहिर करते दिख जाते है... लेकिन इनकी हकीकत इतनी नीच है कि अगर भारत में लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी ना होती और भारत में मिलिट्री शासन होता तो इन्हें सरे आम या तो फांसी पर लटका दिया जाता या फिर इन्हें फायरिंग स्क्वाड के जरिये गोली मार दी जाती... नेहरु से लेकर सोनिया गांधी की सरकार तक इस गद्दार गिरोह ने भारत के हितो का कितना नुक्सान किया और चीन तथा पाकिस्तान के हाथो भारत का कितना बड़ा इलाका गवाया गया इसका एक लंबा इतिहास है लेकिन जब भारत की जनता ने इस गिरोह के कुकर्मो के कारण इसे भारत की सत्ता से निकाल फेका गया तो उसके बाद इस गिरोह ने भारत के खिलाफ क्या क्या साजिशे की इसका भी अब एक लंबा इतिहास है...इसलिए सभी देशप्रेमी लोगों से निवेदन है कि इनकी घिनौनी हरकतों का प्रत्येक स्तर पर भंडाफोड़ करें। इनके दुराग्रहों, आपको मार डालने,आपके देश को खत्म करने के इनके षड्यंत्र को समझें... हम आप ही हैं जो इस संकटकाल में नरेंद्र मोदी के सेनापतित्व में लड़े जा रहे इस सामने दिखने वाले ही नहीं बल्कि अदृश्य हमले को भी नाकामयाब कर सकते हैं साहस के साथ...हमेशा सावधान रहिये...!!!