शत्रु और उसकी रणनीति को अच्छी तरह जानना युद्ध की तैयारी और विजय का पहला कदम होता है...१५/१६ की रात की हिंसक मुठभेड़ के बाद देश विरोधी लॉबी,कांग्रेस और वामपंथ लगातार एक माहौल बनाना चाह रहे है, इसीलिये वे भोंक रहे है कि मोदी सो रहे है, मोदी डर रहे है, मोदी की हिम्मत नही है, चीन कोई पाकिस्तान नही है जो मोदी स्ट्राइक कर दे... कुल मिला कर कहने का मतलब यह है कि उसी १५/१६ की रात को सौ से अधिक चीनियों को चीनी की तरह फांक जाने वाले हमारे वीर जवानो के पराक्रम को इग्नोर करके मोदी पर सवाल उठा कर देश की जनता को भरमाने वाले इन्ही लोगो ने हमारे देश पर ६०-६५ साल राज करके खोखला कर दिया... आज मोदी जी की सर्वदलीय मीटिंग मे जहां सभी मोदी के साथ खड़े दिखे... वहीं चीन की दोगली वामपंथी औलादें और चीन से देश की सुपारी लेने वाली फिरंगी लोमड़ी के सुर विरोधी ही रहे, सच है कि विदेशी कभी हितैषी नही हो सकता है आज एक बार फिर भूरी लोमड़ी ने साबित कर दिया... बहरहाल जनता द्वारा चीन के बहिष्कार से कोई फायदा न होने की बात सोचने वाले फेसबुकिया अर्थशास्त्रियों के लिये... दरअसल मक्कार व्यापारी हर मार सहन कर सकता है पर पैसे की मार सहन नहीं कर सकता, अगर उसकी जेब से पैसे निकाल लें तो वो ज़मीन पर तड़प-तड़प कर लोटते हुऐ आपके हाथ-पैर जोड़ने लग जायेगा, दरअसल मानसिक रुप से नंगड आदमी सिर्फ पैसों की तंगी से डरता है...!
हम मैन्यूफ़ैक्चरिंग हब बनकर विदेशों से हमारे यहां इम्पोर्ट होने वाले माल से ज़्यादा माल हम बाहर एक्सपोर्ट नहीं कर पाये, पर हमारी सत्तर बहत्तर साल की कमाई यह रही की हमने दुनिया में अपने आपको एक बड़े ग्राहक के रुप में स्थापित किया, दुनिया के दिलो दिमाग़ में भारत की छवि एक अच्छे नक़द ग्राहक की है, एक अच्छा ग्राहक वो होता है जो निरंतर पैसा जनरेट करता है और भारत के लोग दुनिया में सबसे ज़्यादा पैसा जनरेट करते हैं इसलिये हम दुनिया के सबसे अच्छे ग्राहक माने जाते हैं... फाईनेंसियल टर्म में दुकानदार हमेशा अच्छे और नक़द ग्राहक को भगवान मानता है, भारत में तो अच्छे और नक़द ग्राहक को दुकानदार अपने बाप से ज़्यादा मानता है इसलिये दुनिया हमारा उतना ही सम्मान करती है जितना एक दुकानदार अपने ग्राहक का सम्मान करता है, अभी हमारे पास मैन्यूफ़ैक्चरिंग हब बनने के लिये ना सिस्टम है, ना क्षमता है, ना ऐसा इंफ़्रास्ट्रक्चर है और ना ही कोरोना महामारी के इस दौरान हमारे पास ऐसी समर्पित मैन पॉवर है इसलिये हमें हमारी ग्राहक वाली पहचान से ही लड़ना है पर इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर हम बाहर से माल नहीं मंगाएं तो हमें हमारे भारत के दुकानदार ही लूट खशोट मचा देंगे क्योंकि जब एक अफ़वाह पर हमारे यहॉ शक्कर, तेल, आटा, नमक, चावल से लेकर बीड़ी-तम्बाकू और शराब तक दोगुना चौगुनी कीमत के हो जाते हैं जो कि हमारे यहां ही बनते हैं सच्चाई तो यह है कि कांगियों की लोकतांत्रिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों के कारण हम ट्रेड और व्यापार में ईमानदार नहीं रह गये हैं, हम बेहद स्वकेंद्रित और स्वार्थी हो चुके है हम से मै पर आ चुके हैं हमें सस्ता भी चाहिये और हमें रातों रात माल भी छापना है अगर भारत में ट्रेड साफ़ सुथरा और ईमानदार हो और भारत के लोगों की इच्छाशक्ति मजबूत हो तो मजाल है दुनिया में सबसे ज़्यादा टॉप स्किल्ड प्रोफेशनल एक्सपोर्ट करने वाले हमारे देश में चाईना माल बेच कर चला जाये... ऊपर से आॅख भी दिखाये... चाईना के साथ-साथ लगभग हर विकसित देश की GDP में एक ग्राहक के रुप में भारत का बहुत बड़ा योगदान है... अगर भारत की सरकारों और भारत की जनता में इच्छाशक्ति हो तो भारत एक ग्राहक के रुप में भी किसी भी देश की इकोनोमी और GDP को हिला कर रख सकता है... चीन जैसे कमीने व्यापारी को कुचलना है तो उसके ग्राहक ना बन कर उसकी जेब में पैसा जाने से रोकिये... पैसे के नुक़सान से चाईना एक दुकानदार के रुप में आपके घुटने पर हाथ जोड़े बैठा मिलेगा... आखिर १८० करोड़ से ऊपर की संख्या वाले भूखे पेटों को कैसे भर पायेगा, वहां स्थानीय स्तर पर विद्रोह अभी से कुलबुलाने लगा है,बाकी ताईवान, मंगोलिया, वियतनाम, जापान, मकाऊ और हांगकांग अपने छूरे मे धार लगा कर बस समय की प्रतीक्षा कर रहे हैं... कि कब पूरा भारत एक होकर जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियसी... कह कर,कब एकजुट होकर फर्जी ड्रैगन के विषैले दांत को तोड़ कर उसकी असल औकात बताये... और हम उसी ड्रैगन की गर्दन जिबह करके एशिया को बचा लें... हां एक बात और...हमारी तरफ एक पुरानी और प्रभावी कहावत है की सांप को मारना है तो पहले उसे बिल से बाहर निकालिये फिर चोट उसके जहरीले फन पर इस कायदे से करिये कि फिर वो कभी फुफकार न सके... सीखिये शत्रु मान मर्दन के सिद्धांतो को... ये वो मौका है जहां अधखुली आँखों वालो को कचरने के बाद पड़ोसी कटपीसों वाले देश के साथ अपने देश मे सांस लेते दीमकों की नींद भी हमेशा के लिये हराम हो जायेगी...!!!
जयहिंद वंदेमातरम