#बौद्धों ने कभी सर मुंडाना नहीं छोड़ा, न ही पारम्परिक वेश भूषा छोडी !!
#सिक्खों ने भी पगड़ी और पांच आवश्यक नियमो का सदैव पालन किया।
#मुस्लमानों ने भी कभी कुर्ता पहनना नहीं छोड़ा
न ही दाढ़ी छोडी .. न टोपी ... 5 बार नमाज ... और जुम्मे की नमाज ... सड़क पर, रेल में, गाड़ी के बोनट पर भी पढ़ते हैं।
#इसाई तो अपनी पूर्ति के लिए चर्च जाता ही रहा ...
आखिर क्यों
#हिन्दू अपने #संस्कारों, #परम्पराओं, #रीति_रिवाजों आदि से दूर हुआ ?