आज से लगभग 1100 साल पहले इस मंदिर का निर्माण हुआ था। लेकिन भारतीयों का दुर्भाग्य देखिये, यहां के लोगों को ही, यहां के महान इतिहास से दूर रखा गया, पूरे भारत का इतिहास केवल दिल्ली के इर्द गिर्द ही घुमाकर छोड़ा गया।
आप खुद समझिये, जिनका इतिहास प्रचारित किया गया, क्या वह जानबूझकर नहीं था? कि उस इतिहास को पढ़कर भारत की पीढियां बर्बाद हो.. आपके सामने वही आदर्श सेट किये गए, जो केवल और केवल आपका पतन करवाये... लेकिन जो इतिहास आपके गौरव और प्रगति का कारण था, उसे हमेशा के लिए छुपा लिया गया।
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