Ashok Sanatani's Album: Wall Photos

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नमस्कार...
ये बेचारा गरीब जरूर था लेकिन स्वाभिमानी था...बेरोजगार होने के बाद भीख नहीं मांगी बेचारे ने...शायद लोगों के सामने हाथ फैलाना उसके ईमान को गंवारा नहीं रहा होगा...ये इसने आत्महत्या नहीं की है बल्कि इसने हमारे समाज के सामने कई सवाल छोड़े हैं,जिनके जवाब एक समाज के तौर पर हमको ही तलाशने पड़ेंगे...दरअसल ये सवाल मोदी सरकार की उन गलत नीतियों से उपजे हैं जो लोगों को मेहनत करने को कहती हैं...!
इस गरीब बच्चे ने आत्महत्या इसलिए कर ली क्योंकि हमने जो यहां बैठकर बरसों तक हरामखोरी का पाठ समझाया था "अब जब वो इसको समझ आ गया तो एक झटके में उससे मेहनत करवाई जाएगी, का फरमान आ गया"
वो दुविधा में था...दरअसल ये पैदा की गई दुविधा है...ये सरकार धीरे धीरे अपना काम करती जा रही है और आपको पता भी नहीं है...बहरहाल
आज मैंने आपको परिचय नही दिया कि मैं रविष हूँ वहीं रण्डी टीवी वाला...हाँ मैं ही रविषुद्दीन हूँ जो हर शाम ठीक ९ बजे आपके सामने इसलिए प्रस्तुत होता है ताकि आप प्रतिदिन होने वाली घटनाओं को मेरे नजरिये से समझ सकें क्योंकि ये फांसीवादी सरकार आपको सच कभी नही बताएगी...लेकिन आज मैं बहुत दुःखी हूँ बस इसीलिए मैं आज अपना परिचय नही दिया...!
क्या आपको जानकारी है कि दो TikTokers ने अपनी गर्दन को पकड़ कर लटका लिया है, उनके गले में चमचमाती स्याही से लिखी तख्ती थी,जिस पर लिखा था मैं आत्महत्या कर रहा हूँ मेरी मौत का दोषी कोई नही मैं स्वयं हूँ...दरअसल जाने वाला किसी को हत्या का दोष नही देना चाहता था...जी आपने ठीक सुना मैंने हत्या ही बोला है,क्योंकि ये हत्या ही है, जिसको करने वाली ये फांसीवादी सरकार है...इसीलिए मैंने आज आपको अपना परिचय नही दिया कि मैं रविष कुमार रण्डी टीवी वाला ही हूँ क्योंकि ये मेरा तरीका है विरोध करने का आप भी किसी ना किसी तरह से करेंगे ही...संभावना है आप बाहर निकलेंगे...संभावना तो इसकी भी है कि शाहीनबाग की तरह कोई टिकटोकबाग ही बन जाये...हमारे संवाददाता ने दिल्ली के बींचोबीच से tiktok गली ढूंढी है...टिकटोलियों की बहार थी उधर जो बागों में बहार का एहसास करवाती थी, लेकिन अब तो सन्नाटा है और ये दिया है इस फांसीवादी साम्प्रदायिक सरकार ने,जो लोगों को लाल हरे पीले बाल करके अपनी कला के प्रदर्शन रोकना चाहती थी...जो उसने उनका हक(लव जेहाद फैलाना)छीनना चाहती है...उम्मीद है tiktok की गली में फिर बहार आएगी,जो इस सरकार को उखाड़ फेंकेगी...मैं बहुत दुःखी हूँ...ई था रविष्वा का भिचार...जो लव जिहादियों की गरदन नापने के modiya के फरमान पर छाती पीट पीट रुदन मचाए था...अब हमका भीचार ई है इन tiktokiyo के बन्द होने पर...तो बात ई है भाईयो ते बहनों...ई modiya को इन्ना सीधा मासूम ना समझो...टिक टोकिया बन्द करके जो काम किया है ना इन्ने...ई modiya का दो तरफा झापड़ है...एक तो michmichyo के थुथड पर...सुना हु दो तीन दिन में ही michmichiyo को छ अरब डालर का झापड़ पड़ा है...दूसरा झापड़ जो कि में सबसे महत्वपूर्ण समझता हूं वो ई है जो मात पिता की बेटियां नहीं बल्कि पापा की परिया जो मुजरे कर कर लव जिहाद का कारण बनी हुई थी...उनके पापा व उन परियो के मुंह पर पड़ा है असली झनझनाता हुआ...अब modiya ने तो एक और मौका दे दिया है उन पापाओ को की इन परीयो को मा बाप बन बेटियों की तरह लालन पालन करे नाकी पापा बन परियों की तरह...जो संस्कारो की धज्जियां उड़ा लव जिहाद को बढ़ावा दे खुद भी इन thukllo के हाथ मर खप रही थी...टिक टोकिया को बन्द किया... मोदी जी बार बार सैल्यूट है आपको टोपी उतार के...!!!