Ashok Sanatani's Album: Wall Photos

Photo 214 of 243 in Wall Photos

शाम होते होते 109 के 80 रह गए -
29 विधायक क्या गधों से घोड़े बन गए -
क्या होगा तेरा गहलोत बाबा -

हताशा में कांग्रेस ने अपने विधायकों को क्या क्या
नाम दे दिया --कपिल सिबल ने घोड़े कह दिया था
कि अस्तबल के घोड़े निकल रहे हैं --अशोक
गहलोत ने उन्हें बकरा मंडी में बिकने वाले बकरे
कह दिया और आज सूजे मुंह वाला ने उन्हें लोकतंत्र
की मंडी में बिकने वाला माल बता दिया --

यार अपने ही लोगों को ऐसे ऐसे नाम दे रहे हो, जिसका
एकमात्र कारण है कि कांग्रेस कभी दूसरे दलों में तोड़
फोड़ करने के लिए ऐसे ही हथकंडे अपनाते थे मगर
आज उसे खुद अपने कर्मो का फल भुगतना पड़ रहा
है --

आज सुबह से अजीबोगरीब खबरे आ रही थी --सचिन
पायलट के खिलाफ पोस्टर कांग्रेस ऑफिस से सुबह
हटा दिए गए क्यूंकि तब सूजे मुंह वाला प्रेस कॉन्फ्रेंस
कर पायलट को कह रहा था कि 2 बजे तक फ़ोन
करके बताओ, कब मिलना है, आप हमारे परिवार के
सदस्य हो और कोई शिकवा है तो बातचीत से सुलझा
सकते हैं --

जब दोपहर बाद तक पायलट ने सुरजेवाला को घास
नहीं डाली तब कांग्रेस ऑफिस में पायलट के खिलाफ
पोस्टर फिर चिपका दिए गए --जबकि दूसरी तरफ
कुछ चैनल कह रहे थे कि गहलोत की मीटिंग में 102
विधायक पहुंचे हैं, कोई 109 बता रहा था, कोई 96
बता रहा था और कोई 93 बता रहा था -

साथ ही खबर दी गई कि प्रियंका वाड्रा मैदान में कूद
पड़ी है पायलट को मनाने के लिए --जब 109 विधायक
थे कांग्रेस के पास तो फिर भाड़ में जाने दो पायलट को,
क्यों मना रहे हो --संजय निरुपम बोला कि पायलट को
मनाओ और उसे रोको, वैसे किसी के जाने से पार्टी
ख़तम नहीं होती मगर एक एक करके सब चले गए तो
कौन बचेगा -

गहलोत ने 109 विधायक जुटाने के लिए हारे हुए
प्रत्याशियों को भी खड़ा कर लिया जिनकी मीडिया ने
पुष्टि करने की कोशिश नहीं की और इसलिए शाम
को वो ही चैनल कोई 80 पर आ गया और कोई 86
पर आ गया --

इधर ये भी बताते हैं कि राहुल गाँधी ने मिलिंद देवड़ा
से कहा कि वो पायलट से बात करें मगर उसने बात
करने से मना कर दिया और शायद इसीलिए तब
राहुल की बहन ने मोर्चा सम्हाला क्यूंकि भाई फेल
हो गया --

इस बीच एक खबर और आई कि शरद पवार ने
कहा कि उद्धव ठाकरे की सरकार अपने पूरे 5 वर्ष
का कार्यकाल पूरा करेगी --बस शरद भाउ का ये
कहना ही ईशारा करता है कि महाराष्ट्र में भी
सिंहासन डोलने वाला है --शायद इसलिए मिलिंद
देवड़ा अपनी शक्ति बचा कर रखना चाहता था
जो राजस्थान के पचड़े में पड़ने से मना कर दिया --

कांग्रेस के ये ही कुकर्म उसे सही मायने में
फासीवादी साबित करते हैं --इसका मतलब साफ़
है कि जो हमारे विरोध में जायेगा, उसे हम मिटा
देंगे, उसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा --बस मोदी
को नहीं हटा पा रहे -

गधों के लीडर को बस हर तरफ गधे ही गधे दिखने
चाहिए जो वो कहता रहे --
"इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं,
जिधर भी मैं देखूं, गधे ही गधे हों"
घोडा कोई ना बने, कोई बन गया तो उसकी सवारी
अमित शाह कर लेगा -