ये है फ़ैज़ खान। जिनका खूब समर्थन कर रहे है नए रॉकेट युगीन हिंदुत्व वाले। ये फैज खान, भगवान राम को इमाम ए हिन्द कहता है यानी हिन्द का ईमाम। और इमाम होने के लिए मुस्लिम होना पड़ता है यानी भगवान राम मुस्लिम थे? ये भगवान राम को भगवान कहे, ये इमाम ए हिन्द की नौंटकी नही चलेगी।
अब आते है हिन्दू होने पर। तो अगर हिन्दू है और हिंदुत्व से प्यार है तो हिंदी नाम रखे। ये अरबी प्रेम क्यों? मौलाना मेहबूब अली को देखो उनको वैदिक धर्म से प्यार था इसलिए महेन्द्रपाल आर्य बन गए। वो अरबी नाम निकालकर फेक दिया।
मन्दिर कोई घूमने का जगह नही कि इसका निर्माण कार्य कोई भी कुछ कर दे फर्क नही पड़ता है। मन्दिर में जो वैदिक धर्मी नही है उसका प्रवेश का निषेध है। यानी अवर्ण जो 4 वर्ण में न आए यानी सवर्ण न हो उनका निषेध है मन्दिर में। और जब जब हमने ये नियम तोड़े आप देखो भुगतना पड़ा। मन्दिर में कलावा बांध कर लव जिहाद करते कई केस देखे हमने।
फैज खान का वीडियो संगम टॉक्स पर देखे, बड़े तरीके से इसने इस्लाम को डिफेंड किया है। और घरवापसी पर कहा हम हिन्दू बन जाए तो लड़की कौन देगा। अरे भाई इतने मुस्लिम परिवार है जो हिन्दू बने, कोई न कोई तो दे देगा। वैसे भी जमाना आज लव मैरिज का है। कर लेना किसी से। लव जिहाद करते समय तो लड़की कहा से आएगी तुम नही सोचते अब नौटंकी करते हो कि लड़की कौन देगा।
आज से 100 साल बाद इतिहास में पढ़ाया जाएगा की मन्दिर निर्माण में फैज खान जैसे मुसलमानों ने सहयोग किया। और इससे बाबर और उसके औलादों की दरिंदगी छिपाई जाएगी। तैयार हो जाओ। अगर भाईचारा होता तो हमको कोर्ट जाना ही नही पड़ता।
घरवापसी करे तभी इसको अधिकार प्राप्त होंगे। वरना नही।