Brijendra Mishra's Album: Wall Photos

Photo 26 of 60 in Wall Photos

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्

दूसरों की बुद्धि सुधारने में भी गायत्री से लाभ होते हैं, स्वयं अपना सुधार तो उससे होता ही है| प्राचीन काल में ऐसे अनेक उदाहरण मौजूद हैं, जिनमें घोर पापियों के भी उद्धार भगवान् की शरण में आने से हुए हैं| आत्मोद्धार के जितने भी साधन हैं उनमें गायत्री किसी भी तरह कम नहीं है| इतिहास पुराणों में वर्णन है कि सदन कसाई, हत्यारा अजामिल, डाकू वाल्मीकि आदि पातकियों को भी सद्-गति मिली| आम्रपाली वेश्या परम साध्वी तपस्विनी बनी|

वेश्यागामी सूरदास परमभक्त हुए| इस प्रकार परिवर्तन अब भी होते हैं| जिनके जीवन का अधिकांश भाग बुराइयों में बीता है उन्होनें जब गायत्री की शरण ली तो उनका अंत:करण बिलकुल ही बदल गया| पिछली भूलों के लिए उन्होंने सच्चे हृदय से पश्चाताप किया और आगे से दिन-दिन शुद्ध और सतोगुणी बनते गये|

पापों के प्रायश्चित के जितने उपाय है उनमें गायत्री उपासना सबसे सरल और सबसे श्रेष्ठ है|

ब्रह्म हत्यादि पापानि गुरुपि च लघुनि च |
नाशयन्त्यचिरेणैव गायत्री जपते द्विज : ||
गायत्री जपने वाले के सभी पाप चाहे बड़े हों या छोटे हों शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं|

युगऋषि श्रीराम शर्मा आचार्य - गायत्री महाविज्ञान