केरल में गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिलाने की घटना के बाद अब हिमाचल प्रदेश में गाय को बम खिलाने की घटना सोशल मीडिया पर सामने आई है।
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे इस वीडियो में हिमाचल प्रदेश के गुरदयाल सिंह इस जख्मी गाय के साथ नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि लोग गौरक्षा की बात कर रहे हैं जबकी एक गर्भवती गाय को विस्फोटक खिला दिया है।
विज्ञान के मुताबिक पृथ्वी की आंतरिक हलचल के कारण भूकंप आते हैं। प्राचीन ऋषियों, विद्वानों ने भी अनेक ग्रंथों में धरती के कंपन का उल्लेख किया है। कहते हैं कि जब राम-रावण का युद्ध हुआ, कुरुक्षेत्र में रण का आगाज हुआ तो भूमि डोलने लगी थी। भूमि का डोलना शुभ नहीं माना जाता।
ऐसा अनेक ग्रंथों में जिक्र आता है कि जब धरती पर पाप बढ़ने लगता है तो उसमें कंपन होने लगता है। पौराणिक मान्यता है कि जहां शुभ काम होते हैं, जहां के लोग परोपकार करते हैं, बुरे कामों से दूर रहते हैं, जहां शराब, जुआ, लालच जैसी बुराइयां नहीं होतीं, वहां के लोगों से धरती ही नहीं बल्कि परमात्मा भी प्रसन्न रहते हैं।
इसके अलावा जहां गौ को कष्ट दिया जाता है, लोग लोभ, जुआ, लालच, शराब, ब्याज, अनैतिकता, व्यभिचार जैसे दुर्गुणों में लिप्त रहते हैं, वहां धरती डोलती है।
रामचरित मानस में कहा गया है -
भूकंप कहे गाइ की गाथा। कांपे धरा त्रास अति जाता।।
जा दिन धरा धेनु न होई। रसा रसातल ता छन होई।।
भावार्थ- भूकंप गाय की गाथा ही गा रहा है। जब गौ माता को बहुत कष्ट होता है, तभी पृथ्वी कांपती है। जिस दिन इस धरती पर गाय नहीं होगी, उसी दिन ये रसातल में चली जाएगी।
हिंदू धर्म में जहां गाय को गोमाता का दर्जा दिया जाता है वहां हिमाचल प्रदेश की इस घटना ने देश के समस्त हिंदू समाज के सामने बहुत ही बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।।
चाहे यह रंजिश है या राजनीति पर उस बेज़ुबान का क्या कसूर था ??