परसों जब फैज़ मिट्टी लेकर चला तो मुझे अच्छा लगा ... फिर TV चैनल वालों ने दिखाना शुरू कर दिया तो मुझे और अच्छा लगा .... फिर अगले दिन अखबार में आ गया, मैं लोट पोट होने लगा ... कल फिर एक TV चैनल वाले ने फैज़ की bite चलाई, मैंने सुना ... उत्साह में फैज़ साहब शायरी करने लगे और शायरी में "अल्लामा इकबाल" को कोट करने लगे ... फिर मुझे क्लियर हो गया कि ये तो अल तकिया है ... हिन्दुओं का चूतिया काटने को भेजा गया है .... भारत के विभाजन की नीव रखने वाले, भगवन राम को इमाम बताने वाले, लाखों हिन्दुओं की निर्मम हत्या के कारक "अल्लामा इकबाल" इनके आदर्श है। ...
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कट गया .. कट गया एक बार फिर से कट गया हिन्दुओं ....फैज़ की लाइ मिट्टी बड़े बेढंगे इतिहास को जन्म देने वाली है ... इसको रोकना होगा .....