और यह बात बार-बार साबित हो जाती है कि हनुमान जी की मर्जी के बिना श्रीराम जी का कोई भी काज संभव ही नहीं है लीजिए दर्शन कीजिए अतिदुर्लभ हनुमान निशान के इन्हें एक बक्से में रखा जाता है और विशेष मौकों पर ही बाहर निकाला जाता है और फिर पूरे विधि विधान से पूजा के बाद निश्चित स्थान पर ले जाया जाता है और वहां फिर से पूजा की जाती है कार्य पूर्ण होने के बाद इन्हें पूरे विधि विधान के साथ वापस लाया जाता है कुंभ स्नान को प्रारंभ करने से पहले भी इनकी पूजा अर्चना करके पहले हनुमान जी की आज्ञा ली जाती है और अब श्रीराम मंदिर भूमिपूजन शुरू करने से पहले भी पूजा अर्चना करके हनुमान जी की आज्ञा ली जाएगी उसके बाद ही मंदिर का निर्माण शुरू होगा 4 अगस्त को सुबह 10 बजे हनुमान निशान की पूजा अर्चना करके उनसे आज्ञा मांगी जाएगी तभी तो कहा जाता है