SURAJ SHARMA 's Album: Wall Photos

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सन 1979 की बात है...
शाम 6 बजे के करीब एक किसान इटावा जिला के ऊसराहार थाने में मैला कुचैला कुर्ता धोती पहने पहुंचा और अपने भैसा (बैल) की चोरी की रपट लिखाने की बात की।
छोटे दरोगा ने पुलिसिया अंदाज में 4 आड़े-टेड़े सवाल पूछे और बिना रपट लिखे किसान को चलता किया।
जब वो किसान थाने से जाने लगा तो एक सिपाही पीछे से आया और बोला थोड़ा खर्चा पानी दो तो रिपोर्ट लिख जाएगी।
अंत में 35 रूपये की रिश्वत लेके रपट लिखना तय हुआ।
थाने के उसी कमरे के बीच में दरोगा की मेज और 3 कुर्सियां लगी थी और एक कोने में लिखिया मुंशी की चौकी थी।
रपट लिख के मुंशी ने किसान से पूछा, "बाबा हस्ताक्षर करोगे कि अंगूठा लगाओगे " किसान ने हस्ताक्षर करने को कहा तो मुंशी ने दफ़्ती आगे बड़ा दी जिसपे प्राथमिकी का ड्राफ्ट लिखा था... किसान ने अंगूठे वाला पैड उठाया तो मुंशी सोच में पढ़ गया कि हस्ताक्षर करेगा तो अंगूठा लगाने की स्याही का पैड क्यों उठा रहा है...

किसान ने हस्ताक्षर में नाम लिखा "चौधरी चरण सिंह" और मैले कुर्ते की जेब से मुहर निकाल के कागज पे ठोंक दी जिसपे लिखा था "Prime Minister Of India".

ये देख के पहले मुंशी उछल गया, फिर दरोगा और फिर हड़कंप मच गया।
असल में ये मैले कुर्ते वाले बाबा किसान नेता और भारत के उस समय के वर्तमान प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह थे जो थाने में किसानों की सुनवाई का औचक निरिक्षण करने आये थे...
अपनी कारो का दस्ता-काफिला थोड़ी दूर खड़ा करके कुर्ते पे थोड़ा मिट्टी डालके आ गए थे..
ऊसराहार का पूरा थाना सस्पेंड कर दिया गया और उसके बाद तो हड़कंप मच गया।
इस तरह की अफ़वाए भी उस समय ख़ूब फैली थी लेकिन सिस्टम एकदम दुरुस्त हो गया था... मीडिया ने उन्हें किसान नेता की बजाय जाट नेता घोषित करने की पूरी कोशिश की ..

वो मामूली एम्बेसडर कार से चला करते थे ..
हवाई जहाज से चलने के सख्त खिलाफ थे ..
वो ट्रेन द्वारा दिल्ली से लखनऊ आया करते थे !
#उन्होने न्यूनतम लिया ..
#अधिकतम दिया !
ऐसे आदर्श पुरुष को
सादर नमन !