भोपाल के मरघटीया मंदिर की हनुमान प्रतिमा की जो लगभग दो सो वर्ष पुरानी है और यहाँ के तत्कालीन दिवंगत संत श्री नागा बाबा ने सपने मै देखा की मंदिर के कुए मै आदमी के कद के बराबर की हनुमान प्रतिमा है तब भोपाल मै नवाब का शासन था, नवाब भोपाल से संत ने अपना सपना बताया तब कुए मै से आदमी के कद के हनुमान जी हाथी के पाव मै जंजीर बांध कर निकाले गए तब से आजतक यह उसी कुए के ऊपर स्थापित है,, और भक्तो का मानना है की यह मूर्ति तीन समय तीनो रूप बदलती है सुबह बाल रूप दोपहर को युवा और शाम को वृद्ध रूप का जिक्र कई भक्त कर चुके है यह मंदिर पुराने भोपाल के शाहजहांनाबाद थाने के पास है,, (मनोज शर्मा कौशल की पोस्ट से साभार)