Gupta S.K.'s Album: Wall Photos

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अंधविरोध, नीचता और गद्दारी का ये आलम है कि जैसे लग रहा है कि चीन ने भाजपा के साथ झडप कर दी है ... भारत और भाजपा का फर्क ही नही पता इन जाहिलों को .... शायद इन जैसों की वजह से ही नमक हराम शब्द का इजाद हुआ है ?
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ये एक कामरेड का पोस्ट है ... इस परजीवी मुफ्तखोर को मालूम होगा कि जब जंगली माओवादी आतंकियों ने CRPF के जवान मारे थे तब Comrade लोगों ने JNU में तुमने पार्टी मनाई थी .... तुम लोग सेना को रेपिस्ट बोलते हो ... तुम लोग 1962 के भारत चीन युद्ध में दिल्ली दूर पीकिंग नजदीक एक नारा लगाते हो ... कल के हुए लड़ाई पे घड़ियाली आंसू बहा रहा है ..... जोलहा सब छाती कूट कूट के मज़ा ले रहा है ... अबे नौटंकी जोलहा ये लड़ाई है इससे ज्यादा तो तुहनारे आतंकवादि भाई और अब्बा लोगों ने मार दिए सैनिक और आम आदमी बिन किसी लड़ाई के .... पुलवामा पे जोलहों का हा हा हा हा और "how's the Gosh" का नारा और कमेंट याद है .... क्या सेना और सुरक्षा के जवान जब लड़ाई में हताहत हो तभी तुम्हारे गुर्दे कूदते हैं ... तुम कम्युनिस्ट और जोलहा लोगों ने मिलकर बिना युद्ध के ही 50 हज़ार से ऊपर मार डाले सैनिक और सुरक्षाबल, तुम उसको क्या बोलते हो ? ... तुन सैनिक को मारोगे तो मज़े लोगे और जब युद्ध में सैनिक मरेगा तो आंसू बहाओगे ..... तुम दोगले हो जोलहा के टुकड़ों पर पलने वाले नौटंकीबाज़ घाघ कम्युनिस्ट ...
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Comrade तुम लोगों के बजबजाते मानसिक धारणा का एक एक लेखा जोखा है अपने पास ... अब हमर एक्के मकसद हो गया है जिंदगी में ... कम्युनिस्ट लोगों के कुत्ते फेल करना, गोड्डे तोडना ....
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ये जो पोस्ट के नीचे दलहित चिंतक का कमेंट है वो भी उसी करेटगोरी का है उसको कोई दलित बुद्दिजीवी न समझे .... दलहित चिंतक कम्युनिस्ट है ये परजीवी हरामखोर भी ...दलाली और टुकड़े के लिए दुआरे दुआरे पर लार टपकाने वाला बेगैरत इंसान है ये सब ....अभी जौनपुर और आजमगढ़ में जब जोलहा ने दलित लोगों पे हमला करके घर, मवेशी, अनाज जला डाले तब ये दोनों हरामखोर सुटुक्की मार के पूँछ पिछवाड़े घुसा के बैठे थे चुपचाप कि कहीं कुछ बोलने पर जोलहा से चाटने का माल मिलना न बंद हो जाए ....