एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर एमपीएस बाजवा हैं। बहुत जोर से चिन्को के लिए बैटिंग कर रहे हैं कि चिन्की सेना 10 जगह अंदर घुस कर तम्बू गाड़ दी है जबकि चिन्का राजदूत कल रो रहा था कि भारतीय सेना ने चीन की सीमा में घुसकर उसके पेट्रोलिंग ट्रूप के सैनिक मार दिये है। ये महोदय कारगिल युद्ध के बाद एक पाकिस्तानी कर्लन के फेवर में पाकिस्तान को उसकी बहादुरी का एप्रिसिएशन लेटर लिख कर उसको पाकिस्तानी मेडल दिलवा चुके हैं। इन्होंने लेटर में उस पाकिस्तानी कर्नल की बहादुरी बखान करते हुए लिखा था कि किस तरह उसने भारतीय जवानों को मौत के घाट उतारा था। - चित्र 1
ये महोदय सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बोले थे कि पहले भी स्ट्राइक होते रहे हैं बस ढिंढोरा नहीं पीटा जाता था और आज ढिंढोरा पीटा जा रहा है पर परिणाम नहीं दिखता। जबकि पूरी फौज चिल्ला-2 के कह रही थी पहले कभी कोई स्ट्राइक नहीं हुई बल्कि मुम्बई अटैक के बाद हम सरकार से परमीशन मांगते रह गए लेकिन गूँगा एक शब्द नहीं बक्कुरा।
ये महोदय देश के ब्रिगेडियर नहीं बल्कि कांग्रेस के ब्रिगेडियर ज्यादा लगते हैं। लगता है इनको भी राजीव गाँधी फाउंडेशन से बढ़िया लाला टिमाटर का टोकरा मिलता रहा है। इस बन्दे की जांच होनी चाहिए। ये निश्चित ही देश के दुश्मनों से मिला हुआ है और देश को बदनाम करने में लगा हुआ है। हो सकता है कि ये बन्दा सेना की जानकारी भी लीक कर रहा हो। इसी का नाम लेकर राहुल गाँधी अपना एजेंडा चलाता है।