Yagydev Mishra's Album: Wall Photos

Photo 8 of 13 in Wall Photos

###समीर तिवारी
हम इस बात को अच्छी तरह जानते है ..
भारत भूमि और भारतीय संस्कृति ,भारतीय संस्कार पर निरन्तर विधर्मियों के द्वारा घातक प्रहार होते रहे है ..कभी बौद्ध कभी मुगल कभी अंग्रेज इन सब ने हमारे देश की संपत्ति तो लूटा ही परन्तु हमारी शिझा व्यवस्था को सुनियोजित ढंग से विकृत कर दिया क्योकी इनका उद्देश्य भारतीयों को मानसिक गुलाम बनाकर मन से सनातन गौरव के भाव को नष्ट करना था ..सनातन धर्मी साहसी लोग इनका तब भी विरोध करते थे और अब भी कर रहे है...ध्यान देने वाली बात यह है इन लोगो के एजेंट के रूप मे कुछ नीच सनातन धर्मचार्यो ने खुब बड चड कर काम किया जिसका दुष्परिणाम यह हुआ की गुरु परम्परा और सन्त परंपरा को हृदय से मानने वाला सनातन समाज दिग्भ्रमित होकर सत्य से कट गया और फर्जी सन्त महन्त की बताई हुई बातो को मानकर सनातन द्रोही बन गया... ऐसे सन्त भेषधारी लोगो मे सबसे बडा नाम गौतम बुद्ध का है इसके बाद तो जैसे इस तरह के कथित स्वयंभू छद्म भगवाधारियो की झडी लग गई और इन ढोंगियों को तत्कालीन सत्ता का भरपूर सहयोग मिलता था जिससे भेंड बनी सनातन भीड इनके बैभव और प्रचार प्रसार की मानसिक गुलाम होती गई.. सनातन संस्कृति संश्कार से सनातनियों को काटने के लिये स्कूली शिझा बदल दी गई दयानंद जैसे आडंबरी लोग धर्म सुद्धि आन्दोलन चलाकर धर्म को बदनाम करने के लिये आर्य समाज संस्था बनाकर मूर्ति पूजक लोगो को गाली देने लगे वेदो के अर्थ का अनर्थ करके स्वय को वैदिक बताने लगे ..ऐसे अनेक ऊदाहरण और अनेक सनातन विरोधी लोग पहले भी थे और आज भी है लेकिन सनातन समाज के आंख मे पर्दा पड चुका है इस को हटाने वाले सच्चे सन्त महन्त और धर्मचार्य तब भी थे आज भी है लेकिन सत्य बोलने और सत्य के साथ होने के कारण उनकी आवाज़ तब भी दबा दी गई अब भी दबाई जाती है क्योंकि सत्ता सत्य के विरुद्ध तब भी थी और अब भी है....कहां है हमारे सप्त ऋषियों का ज्ञान क्यो उनके लिखे नीति शास्त्र शिझा का हिस्सा नहीं बनाये गये..कहाँ है आचार्य चाणक्य का ज्ञान जिसने अदने से आदमी को हिन्दू सम्राट बना दिया ..कहा है मदन मोहन मालवीय जी की नीतियां जो हिन्दू विद्यालय बना गये वह भी भीख मांगकर..अरे अनेक लोग है जिनके कारण इतने कुठाराघात के बाद भी सनातन जिन्दा है......कथित आजादी के बाद कथित बापूवादियो के द्वारा कथित भारतीय सम्विधान और शिझा मे सनातन पतन के सारे नियम नीतियों को सरकारी मान्यता देकर भारतीय सनातन समाज पर लाद दिया गया है और वह इस लिये किया गया है क्योंकि इनके आदर्श पुरुष मैकाले की यही नीति थी और आदेश था जो इन बापूवादियो ने किया ...धर्म और देश के लिये सर्ववस्व न्योछावर करने वाले पूज्य महापुरुषों को अस्तित्व विहीन किया गया है...