Japa
किसी ने हमसे पुछा की ग्रहण काल में गर्भवती को क्या करना चाहिए....?
21 जून को आषाण अमावस्या पर लगने वाला है यानी की कल। कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है। यह ग्रहण रविवार को लग रहा है इसलिए इसे चूणामणि ग्रहण कहा जा रहा है। इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लग चुका है। एक ही महीने में दो ग्रहण लगने की स्थिति सही नहीं है।
तो मैं आप लोगो को बता दूँ कि, कल सूर्य ग्रहण है जो सुबह करीब 9 बजे से शुरू होकर 3 बजे तक रहेगा, इस समय कोई भी बाहर न निकले, सूतक आज रात 10 बजे से शुरू होगा इसलिए भोजन 10 बजे से पहले कर ले, 10 बजे के बाद से सूर्य ग्रहण पूर्ण होने तक भोजन वर्जित है, हर साल कई ग्रहण लगते हैं... लगभग हर बच्चा गर्भावस्था में इस दौर से गुजरता है हिन्दू माएँ हो या फिर अन्य धर्म से। बस बच्चे और गर्भवती महिलाएं ही इन नियमो से परे है, तुलसी जी की 15-20 पत्तियां अभी तोड़ कर दूध, पानी आदि खाद्य पदार्थों में डाल दें, हो सकता है कि कुछ लोगो को ये अंधविश्वास लगे लेकिन ये पूर्ण वैज्ञानिक तरीके है।
ग्रहण से पहले एक बार स्नान कर लें। उसके बाद ग्रहण के दौरान भगवान का जाप करें। कहते हैं इससे भगवान को बल मिलता है। इसके बाद दोबारा स्नान करने के बाद मंदिर में अमावस्या का दान पुण्य करना चाहिए।