Understanding Mohammad नामक पुस्तक पढ़ रहा हूं, स्वयं से पूछा कि हम 2020 में जी रहे हैं या 620 में।
आज जो भारत में होरहा है 1400 वर्ष पूर्व ये अरब में होरहा था, बस फर्क इतना है कि तब यहूदियों का कत्लेआम हो रहा था, आज भारत में हिंदूओ के विनाश का प्रयास किया जा रहा है।
तब यहूदी मूर्खता करके इस्लाम को शांति का धर्म समझ रहे थे, आज हिंदू, भाईचारे की बात कर रहे हैं।
अब मुझे जरा भी शंका नहीं है कि 25 से 30 वर्ष में सनातन संस्कृति का समापन निश्चित रूप से हो चुका होगा। हम समझ ही नहीं पा रहे हैं कि हम उस समस्या से जूझ रहे हैं जिसमें हमारी सरकार, राजनीति, हमारे सैक्युलर सनातनी व हिंदू संगठनों की मूर्खता हमारे विनाश का रास्ता आसान कर रही हैं।
सनातन संस्कृति की हत्या में शामिल सभी उपरोक्त लिखित हमें कमजोर व नपुंसक बना रहे हैं।
अब भी समय है, बहुत कुछ किया जा सकता है, उठाने का मौका है जो फिर कभी नहीं आयेगा।