vishambher chaturvedi's Album: Wall Photos

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कोरोना के चलते आज और निकट भविष्यात्मक वैश्विक स्थिति...हाफिज़ सईद अंडरग्राउंड,मसूद अजहर गायब, सैयद सलाउद्दीन गायब और अब दाऊद की कोरोना से मौत की ताज़ा खबर आई है...!
पाकिस्तान अपने पाले अनुपयोगी हाथियों से हाथ धो रहा है...आई एस आई के पास ज्यादा घातक और कम प्रसिद्ध लड़ाकों की तैयार फौज को संचालित करने के लिए इन हाथियों की शायद आवश्यकता न पड़े...ये फौज मात्र पाकिस्तानी जिहादियों की नहीं होगी इसमें आपके देश में बैठे जिहादियों की भी भर्ती हो चुकी होगी...इनसे लड़ाई साधारण दंगे फसाद के स्तर पर नहीं होगी...संवैधानिक बंधनों में बंधी हमारी पुलिस इनसे निपटने में सक्षम होगी इसमें मुझे संदेह है...सीमा पर हमारी सेना चीन को भी चुनौती देने में सक्षम है किंतु अंदर और बाहर दोनो तरफ संघर्ष छिड़ता है तो सेना के लिए हालात मुश्किल होने वाले हैं...क्योकि चीन के साथ पाकिस्तान भी सीमा पर हरकतों को बढ़ाएगा...!
अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य भी कुछ ऐसा बन रहा है कि पश्चिमी देशों के साथ ऑस्ट्रेलिया भी चीन को घेरने की तैयारी में है...रूस इस खेल में तब तक नहीं कूदेगा जब तक चीन पूरी तरह निपटा नहीं दिया जाता...रूस के होते हुए चीन विश्व शक्ति बनने की हिमाकत कर रहा है...ये रूस के लिए भी नाक कटने वाली बात है किंतु अभी रूस के हालात भी ऐसे नहीं हैं कि वो तृतीय विश्वयुद्ध के नेतृत्व का जोखिम उठाने की सोचे...इसलिये रक्षा विशेषज्ञों के पिछले दो साल के गुना भाग के आधार पर मुझे लगता है कि रूस इस खेल में कूट नीति को प्राथमिकता देकर चीन को किसी भी कीमत पर औरो से निपटवाएगा...!
चीन के ध्वस्त होने के साथ ही एशिया में शक्ति संतुलन बिगडेगा,संतुलित करने के नाम पर रूस पश्चिमी देशों को रोकने आगे आएगा और एक छोटी मोटी नूरा कुश्ती के बाद अमेरिका सहित सभी मित्र देश पीछे हट जाएंगे...!
विश्व में शांति स्थापना की नौटंकी बहुत ढोल नगाड़े बजाकर की जाएगी और चीन की लाश में सभी अपना अपना हिस्सा नोचकर निकल लेंगे...अब एशिया में रूस और पश्चिम में अमेरिका फिर से दो ध्रुवीय शक्तियों के रूप में उभरेंगे शेष विश्व इन दोनों को सम्मान देते हुए अपनी भूमिका तय करेगा...!
शीतयुद्ध वाली मूर्खता अमेरिका फिर कभी नहीं करेगा क्योंकि रूस के टुकड़े करने की कवायद में ही उसने ग्लोबल जिहाद का राक्षस जाग्रत कर दिया था जो आज उसी का रक्त पीने को आतुर है...!
अब यदि ये सब ठीक वैसे ही होता है जैसा मेरा अनुमान है तो प्रश्न है कि इसमें हमारी क्या भूमिका होगी और हमारा परिणाम क्या होगा...?
तो जैसा कि बहुत बार कहा है कि वैश्विक स्तर पर युद्ध और अराजकता की स्थिति में भारत सीमा पर युद्ध और भीतर गृहयुद्ध एक साथ लड़ेगा,इस बार सीमा के बाहर और भीतर भारत का निर्णायक युद्ध होगा जो भविष्य में एक हजारों वर्षों की संस्कृति के अस्तित्व का निर्णय करेगा...!
व्यक्ति,संगठन,मठ,गृहस्थ,साधु सन्यासी यहाँ तक कि सनातन धर्म में उत्पन्न अपराधी को भी अपने अस्तित्व के संघर्ष के लिए आगे आना ही होगा...जो सोएंगे,उन पर भविष्य में सियार और कुत्ते रोएंगे...!
इसलिये अब हर व्यक्ति युद्ध में है और उसे किसी न किसी स्तर पर स्वयं को योद्धा मान लेना होगा...बचकर निकल भागने के लिए पश्चिम के रास्ते भी बंद हो चुके हैं...!
अब या तो आप लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे किंतु दोनों स्थितियों में बचने की संभावना महाकाल के ही हाथ में है...युद्ध आपको और हमको चुन चुका है जितना जल्दी समझ में आएगा उतना ही अच्छा होगा...नहीं बचे तो भी भावी पीढ़ियों के लिए हजारों वर्षों की धरोहर सुरक्षित रखने के प्रयास में अपनी आहुति देने से बड़ा पुण्य अब शायद ही कोई और हो...???

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