ये एक छद्म नामधारी जेहादी की कम्पनी के प्रोडक्ट का विज्ञापन है विशुद्ध रुप से यह ऋषियों की आड़ मे हमारी सनातन संस्कृति को अपमानित करने का प्रयास है
आखिर बालो को कलर करने वाले प्रोडक्ट पर ऋषि की फोटो का क्या औचित्य!??
दर असल जेहादियों के दिमाग में एक बात है कि सनातन को कितना भी अपमानित करो उनका कोई बाल बांका नहीं कर सकता
अगर यही प्रोडक्ट बाबा रामदेव के पतंजलि का होता और किसी मौलवी का चित्र लगा होता तो अभी तक सेकुलरिज्म अपना गला फाड़ रहा होता मीडिया विरोध कर रही होती
लेकिन हम सिर्फ अपराधी की जाति पर आपस मे लड़ते है धर्म के अनादर के बिषय मे मुंह मे दही जम जाता है...