Vivek Kumar Chaubey's Album: Wall Photos

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नमस्कार आदरणीय ,

यह वाक़ई में सच है कि “उन बेवक़ूफ़ों को आज़ाद कराना मुश्किल है, जो अपने ज़ंजीरो (बेड़ियों) की इज़्ज़त करते है ।“

यहाँ सम्भावना दो अलग पृष्ठ की ओर इंगित करते है -

०१. बेवक़ूफ़ कौन है ? - समझाने वाला या समझने वाला

०२. बदलाव की चाहत ? - आज़ाद होने के लिए पहला पग है

विवेक कुमार चौबे ‘अवचेतन’