Atul Gupta's Album: Wall Photos

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#रियल_फैक्ट
#भारत देश को सबसे बड़ा #नुकसान दो #प्रधानमंत्री के काल में हुआ - जिसमे पहला नाम है #इंद्र_कुमार_गुजराल ..

इंद्र कुमार गुजराल - पैदाइशी #कम्युनिस्ट जो #कांग्रेस में गया और फिर #जनता_दल में ..

1996 में जब #देवेगौड़ा प्रधानमंत्री थे तब #कम्युनिस्टो की पसंद IK Gujral को #विदेश_मंत्री बनाया और तबसे ही इसने भारत के #विदेश मामलों को ख़राब करना चालू कर दिया ..

इसके काल में भारत #पाकिस्तान से आगे की सोच ही नहीं पाया .. फिर जब ये प्रधानमंत्री बना तो इसने पाकिस्तान के साथ उस #समझौते को किया जिसमे लिखा था कि भारत अपने सारे #केमिकल_हथियार ख़त्म कर देगा .. जबकि इसके PM बनने के पहले भारत कहता आया था कि उसके पास केमिकल हथियार हैं ही नहीं ..

मतलब इस #कम्युनिस्ट इन्द्र कुमार गुजराल ने विश्व में ये साबित करवाया की भारत झूठ बोलता रहा है ..
एक और काम जो इसने किया वो ये कि इसने भारत के #PMO से ख़ुफ़िया विभाग और #RAW का #पाकिस्तान डेस्क खत्म कर दिया ..

August 1997 में अमेरिका में पाकिस्तान के PM से मुलाकात होते ही वहीँ से इसने आदेश किया की इसके भारत लौटने तक RAW का पाकिस्तान डेस्क ख़त्म होना चाहिए ...

इसके बाद इस दौरान भारत के पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सऊदी, कुवैत, यमन, UAE आदि जगहों पर स्थित १०० के ऊपर एजेंट मारे गए ..

एक हफ्ते में सारा खुफिया विभाग ध्वस्त हो गया और RAW नेस्तनाबूद हो गई .. पूरा का पूरा ख़ुफ़िया ढाँचा नेस्तनाबूद हो गया पाकिस्तान से लेकर फिलिस्तीन तक ....

उसका नतीजा ये हुआ कि भारत को OIC इलाके में उसके खिलाफ हो रहे षडयंत्रो का पता ही नहीं चलता था ...

भारत में 1997 से लेकर 2001 तक का समय बेहद कठिन रहा, भारत बिना किसी ख़ुफ़िया जानकारी के रहा और कोई ऐसा महीना नहीं गया जब भारत में बम विस्फोट से लेकर सीमा पर छिटपुट आतंकी हमले न हुए ..

1998 में वाजपेयी सरकार आई और 1999 में कारगिल हुआ, ख़ुफ़िया फेलियर पर खूब कोसा गया सरकार को लेकिन कम्युनिष्ट मीडिया ने गुजराल डोक्टराइन नामक उस बेहूदे कागज़ के पुलिन्दे को गोल कर गई जिसको उसको लेकर कम्युनिष्टों को अभी मुहब्बत है क्योंकि उसमे भारत की नाकामी है ...

भारत के ख़ुफ़िया विभाग को ख़त्म करके और RAW को नेस्तनाबूक करके, उसके लोजिस्टिक को बर्बाद और एजेंटों के खात्मे के बाद हाल बहुत खराब हो गया ...
Indian Airline का हाईजैक होकर कंधार जाना, संसद भवन हमला, कोइम्बटूर हमला, अक्षरधाम, लाल किला हमला आदि होता गया और भारत सरकार पूरे 3 वर्ष तक कुछ जान ही नहीं पाई ख़ुफ़िया से ...

अटल सरकार ने आने के कुछ महीने में ही फिर से RAW का पाकिस्तान डेस्क और इंटेलिजेंस का OIC विंग चालू किया था जिसको भारत में ही खड़ा करने में 2002 तक का समय लग गया ..

फिर उसका विदेशों में एजेंट बनाना आदि करते करते 2004 में अटल सरकार चली गई ... लोगों को अक्सर कारगिल और IC814 के हाईजैक को लेकर अटल सरकार पर हमला करते पाया जाता है लेकिन गुजराल के कारनामे ने भारत का जो नुक्सान कराया उस पर कभी बात ही नहीं हुई ..

पेट्रोल डीज़ल, आलू - मटर - टमाटर के भाव, IT के स्लैब में बदलाव और एरियर को अपना सबसे बड़ा समस्या समझने वाली जनता को पता ही नहीं कि देश को असुरक्षा के किस दल दल में धकेल दिया गया था ...
समय रहते अटल सरकार ने कदम उठाया लेकिन ध्वस्त करना आसान है, खड़ा करना मुश्किल - वो भी ख़ुफ़िया जैसा विभाग जिसमे कई वर्ष लगते हैं एक एजेंट खोजने में