दिल्ली में अमित शाह की नाक के नीचे दंगे कर के फंस गए है आपिये JNU वाले और जिहादी सब पे UAPA लगाया जा रहा है जो पोटा या टाडा का नया रूप है बेहद कड़ा कानून है जमानत मिलने की संभावना बहुत कम है और जो अंदर है वो जिसका नाम लेते जाईंगे वो अंदर होता जाएगा इसलिए एक बेचैनी है वामपंथियो में क्योंकि जो 4 महिला नेता इस कानून के तहत अंदर हुई है उनके पीछे किसका हाथ है जल्दी ही सामने आएगा
आप का ताहिर हुसैन बुरी तरह फंस गया है उसके खिलाफ वीडियो रिकॉर्डिंग है दर्जनों की तादाद में और वो लगातार संजय सिंह के संपर्क में था तो जल्दी ही संजय सिंह भी तिहाड़ पहुच सकता है इसलिए आपिये बौखलाए हुए है
JNU का टुकड़े टुकड़े गैंग भी डरा हुआ है आजकल आपको डेनियल राजा और उसकी बेटी स्वरा भास्कर आदि कही दिखेंगे नहीं ये सब खामोश है और चुप चाप कोशिश कर रहे है कि इनका नाम इस मामले में न आये
अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे को खराब करने के लिए उस समय जान बूझ के दंगे किये गए और अब इसको सरकार ने राष्ट्र की प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया है
वामपंथियो और जिहादियों को उम्मीद थी कि अमेरिका के हाल के दंगों की तरहः ये भी पूरे देश मे शुरू हो जाएगा लेकिन कही कुछ नही हुआ मीडिया के फ्यूज बल्ब जैसे विनोद दुआ राजदीप आदि अब भी बुझे चूल्हे में फूंक मार के आग भड़काने की कोशिश कर रहे है
खुद सोचिये ये सब लोग देश को आग लगा देने बर्बाद कर देने पे क्यों उतारू है सीधा जवाब है इनके गले में फंदा पड़ चुका है और धीरे धीरे कसता जा रहा है इनको बस एक ही उम्मीद दिख रही है देश जल उठे और ये बच जाए क्योंकि अगर ये मोदी सरकार ये कार्यकाल पूरे कर लेगी तो इनकी तो जिंदगी जेल में ही गुजरेगी
इसलिए देखहते जाइए बहुत कुछ हो रहा है जो मेडीया आपको बता नहीं रहा है हल्की खबर दे के अलग कर देता है मेडीया की मजबूरी है कि उनके अपने बहुत से लोग दबाव बनाए हुए है पर सोशल मेडीया को कोई दबाव नही है