सन्जीव मिश्र's Album: Wall Photos

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आप जानते हैं कि चीन कभी हमारा पड़ोसी नहीं रहा है,हमारा असल पड़ोसी तो तिब्बत रहा है और है भी...1950 में जब हमारे भारत रत्न और लेड़ी माऊंटबेटन की स्कर्ट मे मुंह छिपा लेने वाले शांति दूतो के पर्याय और प्रतीक पुरुष तथा बात बात पर अंग्रेजो और मुसलमानो के सामने निहुर जाने वाले गुलाबो चिच्चा ने साजिशन चीन को ILLEGALLY तिब्बत पर कब्जा कर लेने दिया,जैसे जैसे अरूणांचल मामले मे बेहयाई से संसद मे खीसें निपोर कर अपनी नपुंसकता को अपना पुरूषोचित बल बता कर चमचो को तालियां बजाने पर राजी कर लिया......इतना ही नही निहरू ने चीनी सैनिकों को देश पर हमला करने के लिए उन्हे चावल की आपूर्ति की और चीन को तिब्बत पर विजय दिलाने में मदद की..ये है कांग्रेस का घिनौना इतिहास ...............आज तक हम उस नपुंसक निहरू की भूल के लिए भुगतान करते चले आ रहे हैं.....!!!!

एक बात और....चीन की सीमा तो १४ देशों से लगती है....लेकिन चीन का सीमा विवाद २३ देशों से चल रहा है....ऐसा क्यों..क्यो एक पक्ष चीन ही है...??

वास्तव मे वर्तमान कालखंड मे जैसे मोदी ने अपने पहले शासन काल मे कांग्रेस और पाकिस्तान द्वारा रचित परमाणु बम के भय की चिंद्दियां बिखेर कर पाक को गली का भिखारी बना दिया.....ठीक उसी तरह मोदी अपने दूसरे दौर मे वामपंथियो,कांग्रेसियो द्वारा पिछले पचास सालो से चीन को लेकर जो भ्रामक भय फैलाया है....यकीन करिये इस झूठ की भी धज्जियां बहुत जल्दी बिखरने वाली है....गलवान मे हमारे सैनिकों के प्रतिवाद ने चीन की सेना का घमंड तोड़ भी दिया है....ऐसा नही है कि चीन की फटी नही है....वो जानता है कि उसके कुकर्म पूरी दुनिया के सामने ही नही आ चुका है बल्कि उसे कुकर्मो का भोग भी करना है.....बहरहाल मेरी हैसियत नही है कि सरकार को सलाह दूं लेकिन मुझे लगता है कि चीन की दुखती नस यानी तिब्बत को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने का सही समय आ चुका है!!

बहरहाल मै अपने राष्ट्रहित को सर्वोच्च मानने वाले मित्रों को कहूंगा कि देश सर्वाधिक बड़े शत्रु यानी ट्रिपल सी से सजग रहिये........C-चीन,C-काँग्रेस,C-कम्युनिस्ट.....जिसमे एक C देश के बाहर से देशविरोध करने की रणनीति बना रहा है और बाकी के 2C देश में रह कर,देश का खा कर देश के खिलाफ व चीन पाकिस्तान के सपोर्ट में काम कर रहा है............!!!

फिलहाल मेरा निवेदन है कि कभी मत भूलियेगा कि जब हमारी सेना सन् १९६२ मे चीन के विरूद्ध बॉर्डर पर लड़ रही थी तब यही वामपंथी अपने चीनी आकाओं को कांगी समर्थन के दम पर उनको गुप्त खबर भेजा करते थे....हरामजा&%े...तब भी जासूस थे आज भी मुखबिर ही बने रह गये .....!!

बहरहाल मुझे अपनी सेना,अपनी सेना के पराक्रमी जवानो के साथ साथ अपने देश के नेतृत्व पर घमंड है....अभिमान है....और सही कहूं तो अहंकार है......है दुनिया मे किसी देश के पास ऐसे जियाले सैनिक,जो सामने मौत देख कर भी मातृभूमि रक्षण के लिये मौत की आग मे कूद पडते हों........राहुल नसेड़ी तुम नही समझ सकोगे इस जुनून को...क्योंकि तुम तो दोगले हो..तभी सुबह उठ कर पिनक मे हमारी सेना पर सवाल उठाते हो.....यकीन करो मेरा यह कथन उतना ही बड़ा सत्य है,जितना टूटने से पहले कभी यू.एस.एस.आर. खुद को समझता था....जैसे चीन खुद को आज समझ रहा है......यथार्थ कह रहा हूं....!!

#वंदेमातरम्