18 वीं सदी में जब पश्चिम चेचक महामारी से उजड़ रहा था और करोड़ो लोग दर्दनाक मौत मर रहे थे तब भारत में आयुर्वेद के आचार्यों ने चेचक के टीके विकसित कर लिए थे ............ दुनिया में जब डेंगू से भयभीत थी तब भी डेंगू को हराने वाली सबसे प्रभावी उपाय आयुर्वेद ने दिया ........ आज जब सम्पूर्ण धरती पर मानवता कोराना से भयभीत हैं, लाशें लगाने वाले कम पड़ रहे हैं
तब आयुर्वेद पुनः मानवता की रक्षा के लिए अमृत लेकर उपस्थित है।
पर भारत और हिंदुओं से द्वैष रखने वाले दुष्टों को आयुर्वेद की ये महान उप्लद्धि सहन नहीं हो रही ।
मुगलों और अंग्रेजों ने हमारी शिक्षा , चिकित्सा , व्यापार , तकनीक और अर्थव्यवस्था को नष्ट-भ्रष्ट विध्वंसित कर दिया जो आज भी जारी है अन्यथा हम आज भी गर्व से विश्वगुरु कहलाते ।
मेडिकल लॉबी जैसे माफियाओं के फहते आयुर्वेद के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी आयुर्वेद अपनी महानता का प्रमाण दे रही है।
ये रहा