गांधी वध के उपरांत एकांत में कहीं जीवन निर्वाह करते हुए।
क्या आप इन शूरवीरों को मात्र चेहरे से पहचान सकते हैं।
आज के हिन्दू नेताओं को देखिए
बड़े बड़े महल बन गए सबके, जिन्होंने शायद छटांक न किया होगा।
चित्र में जो लोग दिखाई दे रहे हैं
इनका सामाजिक बहिष्कार हुआ... क्या दिया हिन्दू समाज ने इनको??
इनके बच्चों से कोई विवाह करने को तैयार न होता था
कोई स्कूल कालेज में एडमिशन नही देत्ता था
लोग कहते थे फलाने बच्चे से दूर रहना, उसके साथ बात नही करनी न नही खेलना है।
सोचिए इनके बच्चो के बचपन कैसे गुजरे होंगे।
हिमानी सावरकर भी इनमे से ही एक थीं, एक कार्यक्रम में हिमानी सावरकर जी ने अपने जीवन के कष्टप्रद अनुभव share किये ... उन अनुभवों को सुनने मात्र से ही भावों में उतार चढ़ाव आरंभ हो जाता है।
आज हम इनका नाम तक नही जानते
चेहरा नही पहचानते
धिक्कार किस पर?
विचार कीजिये...
गोपाल गोडसे, विष्णु करकरे, मदन लाल पाहवा अपनी धर्म पत्नियों सहित