सन्जीव मिश्र's Album: Wall Photos

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उत्तर प्रदेश! अखिलेश जी का नहीं, योगी बाबा का उत्तर प्रदेश! उत्तर प्रदेश का प्रयागराज... गङ्गा यमुना सरस्वती की कृपाभूमि पर बसा शहर...
उसी प्रयागराज में एक भरे पूरे परिवार की हत्या होती है। पिता को काट डाला गया, बेटे को काट डाला गया, दो बेटियों को काट डाला गया। बेटियों की इतनी वीभत्स तरीके से हत्या हुई है कि लिख नहीं सकता, घिन्न आ रही है।
प्रशासन सुस्त है। लग रहा है कि जल्द ही तफ्तीश की बात करते करते फाइल बन्द हो जाएगी।
यह बाबा का उत्तर प्रदेश है, बाबा की पुलिस है वहां। वही पुलिस जिसने CAA आन्दोलन के दिनों में दिखाया था कि प्रशासन की शक्ति क्या होती है। अब समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसे हत्यारों को प्रशासन का भय क्यों नहीं है...
आप उस परिवार के बारे में सोच कर देखिये, काँप उठेंगे आप। कल तक जो हँसता-खेलता सुखी परिवार था, अब उसमें कोई शव को आग देने वाला नहीं बचा है। आधे घण्टे में पूरा घर समाप्त हो गया। घर की स्त्री अस्पताल में मृत्यु की प्रतीक्षा कर रही है। सोचिये, यदि बच भी गयी तो क्या जी पाएगी? उसके सामने उसका घोंसला उजाड़ दिया गया है, किस उम्मीद पर और किसके लिए जियेगी?
बहनों को उम्मीद होगी भाई से कि वह रक्षा करेगा! पत्नी को उम्मीद होगी पति से, मां को बेटे से... सब एक दुसरे का नाम लेकर चीखे होंगे, चिल्लाए होंगे... पर कोई किसी को बचा नहीं पाया। सारी उम्मीदें पराजित हुईं... केवल उन चार-पाँच लोगों की हत्या नहीं हुई, उनके विश्वास, उनकी उम्मीदों तक को मार दिया गया। और पुलिस कह रही है कि यह लूटपाट की घटना है।
यह लूट है क्या? इसे लूट कह कर खारिज किया जा सकता है क्या? नहीं! यह सभ्यता के क्रूरतम अपराधों में से एक है। विभत्स...
शर्म आनी चाहिए उन सारे प्रशासनिक अधिकारियों को, जिनके क्षेत्र में यह घटना घटी है। यह उनकी प्रतिष्ठा को चुनौती है, यह उनकी शक्ति का अपमान है। हत्या केवल उस परिवार की नहीं, प्रशासन के भय की भी हुई है। बल्कि प्रशासन के भय के ऊपर थूक दिया गया है।
शर्म आनी चाहिए सरकार को... आपके शासन में अपराधी यदि इतने बेलगाम हैं कि इतने विभत्स तरीके से एक हँसते खेलते परिवार का समूल नाश कर देते हैं, तो आपको सोचना होगा कि आपके होने का क्या मतलब है... ऐसा बिहार में होता था, जंगलराज के दिनों में। तो क्यों न आपके राज को भी जंगलराज कहें..?
यह घटना सरकार के माथे का धब्बा है, कोढ़ के दाग जैसा है। ऐसे अपराधियों को पाताल से भी खोज कर उन्हें सरेआम चौराहे पर टांगना होगा। किसी भी तरह यदि अपराधी बच गए, तो वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार कभी भी सर उठा कर बात नहीं कर सकेगी...

सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।
(तस्वीर इतनी भयानक है कि देख कर भय उतपन्न होता है। सो उन बच्चों की पुरानी तस्वीर...)