सब मिल कर इस बार मिट्टी का बकरा क़ुर्बान करे
एक क़ुर्बानी के बाद लाखों लीटर पानी सफ़ाई में बर्बाद हो जाता है !!
मीट के अलावा जानवर का बाक़ी शरीर भी लाखों टन कबाड़ बन जाता है,
जो कि प्रदूषण का कारण बन जाता है
*जैसे रंगों के पर्व पर जल का प्रयोग कम किया जा रहा है !!
दीपोत्सव पर्व पर पटाखों का प्रयोग कम किया जा रहा है, जिससे वायु प्रदूषण ना हो !!*
गणपति और दुर्गा भी *Eco_Friendly बन रहे है !!*
इस लिये सभी लोग आगे बड़े और मिट्टी के बकरे की क़ुर्बानी दें।