सन्जीव मिश्र's Album: Wall Photos

Photo 155 of 1,617 in Wall Photos

समय,घटना और पात्र ऐतिहासिक हैं,पर पंक्तियाँ किसी उपन्यास की लग रही हैं,पोस्ट लेखक की भी हो सकती हैं।यहां पेस्ट कर रहा हूँ।ये जेहादी मजहबी जल्लाद कुछ भी,जी कुछ भी कर सकते हैं।आइ एस आइ एस वालों ने अभी इराक और सिरिया में यजदी महिलाओं के साथ यही किया है।मूर्खतापूर्ण जातिवादी मानसिकता त्याग दो और एक हो जाओ नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब इस देश में यही सब होगा :

"" दुख्तरे हिन्दोस्तां.. दो दीनार.. !
भारत की बेटी.. मोल सिर्फ दो दीनार.. !

इतिहास में अपनी माँ, बहन, बेटियों की यह दुर्दशा सम्भवतः पढ़कर/सुनकर हम सबको बहुत पीड़ा हो!
पर इतिहास की गलतियों से सबक लेना वाला ही समझदार हो सकता है।