इसी मस्जिद के ठीक निचे सबसे निचले तल्ले पर सँकरी कोठरी में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था.. इतना सँकरा जितना उस वक्त कंस का कारागार भी नहीं रहा होगा..
दूसरे शब्दों में कहें तो इस नई गंगा जमुनी तहजीब में भगवान श्रीकृष्ण के लिए उतना भी स्पेस नहीं है, जितना कंस के काल मे उनके मां बाप के लिए जेल में था..
इसके पास में ही ASI की एक पट्टी भी है जिसमे स्पष्ट रूप से लिखा गया है.. मूल मन्दिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया है।
सदियों के संघर्ष में यहां मन्दिर कई बार टूटा और बना.. और जब तक लोग जाग्रत रहे तब तक इसके लिए संघर्षरत रहे.
मन्दिर आज भी मूल जन्मभूमि पर नहीं है बल्कि बगल में है.. और अतिक्रमण का शिकार है...