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भारत विभाजन के लिए 96% से भी ज्यादा भारतीय मुसलमानों ने मुस्लिम लीग के पक्ष में वोट किया था...

लगभग 87% सीटें मुस्लिम लीग ने जीती थी...

बादशाह खान के नेतृत्व वाली NWFP ने उस समय भारत का साथ दिया था, लेकिन बाद में NWFP के नेताओं
ने भी रिफ्रेंडम में पाकिस्तान का साथ दिया... इस प्रकार सम्पूर्ण भारत के मात्र 2% मुसलमानों ने ईमानदारी से भारत के लिए वोट किया।

लेकिन इस विभाजन के बाद लगभग 90% मुसलमान हिंदुस्तान से पाकिस्तान में नहीं गए, भारत ही रह गए... जबकि मुसलमानों की जनसंख्या 24% होने पर उन्हे कुल 30% भूमि दे दी गई थी।

विश्वासघात का स्तर यह था कि मुस्लिम लीग के सबसे बड़े नेताओं में से एक नवाब इस्माइल खान ने पाकिस्तान जाने से ही मना कर दिया था... जिन्होंने financially, politically और physically मुस्लिम लीग का समर्थन किया था... बाद में वो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर बनाये गए... यह व्यक्ति इतना ताकतवर था कि इसके प्रचार करने का परिणाम यह था कि मद्रास प्रेसिडेंसी के अंदर मुस्लिम लीग ने 29 की 29 सीटें झटक ली थी।

विभाजन के बाद इस व्यक्ति ने फिर से IUML नाम से पार्टी बनाई और स्पष्ट रूप से कहा- "The creation of Pakistan is beneficial not only to Muslims of Pakistan, it is also beneficial to Muslims of India... The Muslims of India are proud of having achieved Pakistan. A Muslim is always a Muslim. A Muslim first and a Muslim last."
【Ref: The Political Evolution of Muslims in Tamilnadu and Madras, 1930-1947】

इस विषय मे सरदार पटेल जी ने कोलकाता में अपने भाषण में कहा था कि 14 अगस्त को पाकिस्तान बनाने वाले भारतीय मुस्लिम कैसे केवल एक रात के अंदर 15 अगस्त को देशभक्त बन गए।

आज हमें देशभक्ति सिखाई जाती है... मुसलमान आज हमसे सार्वजनिक मंच पर कहते है कि हमने भारत को चुना है... जिन्होंने पाकिस्तान को चुना था वह पाकिस्तान में हैं, हम हिंदुस्तानी हैं... हमने गांधी को चुना है, हमें गोडसे के लोग देशभक्ति न सिखाएं।

भारतीय मुसलमानों की कड़वी सच्चाई यह थी कि उन्होंने कभी भी गांधी और कांग्रेस का समर्थन नहीं किया... कांग्रेस के बड़े नेता और ख़िलाफ़त आंदोलन के अगुआ अबुल कलाम आजाद, बाद में उनकी हालत BJP के मुख्तार अब्बास नकवी जैसी हो गई थी, जिनका मुस्लिम समाज मे कभी भी कोई समर्थन ही न था।

ऐसे ही लोग सोशल मीडिया पर नारे लगाते हुए धमकी देते हैं-
“हंस कर लिया पाकिस्तान, लड़ के लेंगे हिंदुस्तान"

खैर, हिन्दू पहले भी सो रहा था, आज भी सो रहा है... सेक्युलर, वामी, कामी, धिम्मिपन, जातिवाद उसके DNA में है... कभी कभी जब कभी अतीत में झांको -

तो हिन्दुओ की दुर्दशा पर रोना आता है।