इस मंदिर में लाइन लगाकर लगी भीड़ को देखकर ही अंदाजा हो गया होगा, की इस महान मंदिर का कितना महत्व है । आपको जानकर हैरानी होगी, इस मंदिर के निर्माण का सौभाग्य श्रीविष्णु के अवतारों के अलावा मात्र राजा मानसिंह को मिला, इससे पहले इस मंदिर का निर्माण भगवान राम और कृष्णजी ने करवाया था ।
रावण के वध के बाद भगवान राम के इसका निर्माण कराया, ओर महाभारत काल मे जरासंध ने इस मंदिर को तोड़ डाला था, तो महाभारत के युद्ध के पश्चात श्रीकृष्ण ने इस मंदिर का निर्माण करवाया ।
अफगान सुल्तानों के आक्रमण के कारण यह मंदिर दुबारा टूटा, जिसका उद्धार राजा मानसिंह ने किया । इस मंदिर के निर्माण की कहानी भी काफी रोचक है ।। भगवान शिव बार बार स्वपन में मानसिंह को आकर कहते, इतना सब कुछ करते हो, मेरे इस मंदिर का भी उद्धार करो ।
उसके बाद एक अनोखी घटना हुई, राजा मानसिंह जब अपनी सेना के साथ जलमार्ग से बिहार के अफगानों पर आक्रमण करने जा रहे थे, तभी उनकी नाव डूब गई, ओर नदी के अंदर उन्हें मिला शिवलिंग । सैनिक बुलाये गए, की इस शिवलिंग को निकाला जाए, लेकिन लाखो प्रयासों के बाद भी शिवलिंग नही निकला । राजा मान अपना राजमुकुट उतार खुद मजदूर बनकर शिवलिंग निकालने गए, तो फूल की तरह शिवलिंग निकल आया ।।
बिहार को दुबारा अपने महादेव मिले, राजा मान को पुण्य मिला । आज चुनावो से पहले हर राजनेता इस मंदिर में आशीर्वाद लेने जरूर जाते है ।इस मंदिर का उद्धार करने वाले राजा मान की आज पुण्यतिथि है ।। मैं उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि कोटि प्रणाम करता हूँ ।