ये जो माथे पर टीका लगाकर उल्टे सीधे कपड़े पहनकर, गले मे रुद्राक्ष जैसी परम पवित्र माला डालकर, गांजा फुकते हुए, और नाम के आगे भक्त महाभक्त परमभक्त लगाकर लोग गुगल से लेकर फेसबुक तक धर्म का मजाक बनाये बैठे हैं शर्म नहीं आती है ऐसे निच हरकत करते हुए??
और खास कर ये ऐसे लड़कियां जो बहुत बड़े शिव भक्त का ठेकेदार बनी फिर रही है, कहां लिखा है कि लड़कियों को शिव भक्ति में नशा करना, और गांजा फुकना और ऐसे छोटे कपड़े पहन कर शिव के सर पर नाचना?? अरे शर्म करो कुंवारी लड़कियों को शिव लिंग छुना भी नहीं चाहिए पाप है, अपने कायदे में रहें तो ही अच्छा होगा धर्म संस्कृति को बदनाम कर के रख दिया है लोगों ने,
कभी किसी भूत प्रेत के भी दर्शन हो गए तो घर छोड़कर भाग जाएंगे और खुद को बहुत बड़ा शिव भक्त का सुरमा दिखाते है।
सुल्फे के साथ फोटो डालना अपने साथ साथ हमारे सनातन समाज और धर्म का भी अपमान करना भगवान महादेवजी की सुल्फे के साथ फोटो बनाकर पेश करना, अरे मूर्ख शिरोमणियो क्या ईश्वर को भूख प्यास लगती है क्या ईश्वर नशा करते है या ईश्वर मादक पदार्थो का सेवन करते है बिल्कुल नही करते हैं।
ये सब झूठ है एक दम महाझूठ जिसे कुछ नशेड़ी और दिमाग से विकलांग लोगों ने धर्म के नाम पर शौक़ बना दिया है अपनी मर्जी पूरी करने के लिए,
यदग्रे चानुबन्धे च सुखं मोहनमात्मनः।
निद्रालस्यप्रमादोत्थं तत्तामसमुदाहृतम्॥
यानी जो सुख भोगकाल में तथा परिणाम में भी आत्मा को मोहित करने वाला है, वह निद्रा, आलस्य और प्रमाद (नशा) से उत्पन्न सुख तामस कहा गया है.
इसके अलावा भी गीता में कई जगह नशा न करने की सलाह दी गई है।
जो लोग शिव की बात करते हैं और कहते हैं कि शिव भी नशा करते हैं जैसे अघोरी बाबा आदि वो लोग दिन भर नशे में डूबे रहते हैं, लेकिन किसी भी श्लोक में या किसी भी ग्रंथ में ये नहीं कहा गया है कि शिव भक्तों को नशा करते रहना चाहिए. जहां तक शिव के शराब या नशा करने का तर्क दिया जाता है तो ये माना जाता है कि शिव ने सभी सांसारिक बुराइयों को अपने अंदर ले लिया था और इसीलिए उन्होंने जहर भी पिया था और वो नीलकंठ कहलाए थे. पर कोई भी शिव भक्त जहर पीता तो नहीं दिखता हां अपने हिसाब से ये लोग नशा जरूर शिव भक्ति के नाम पर कर लेते हैं।
अरे नीच गलीच लोगों जाकर डूब मरो अघोरी बस 1 बार सुल्फा मारकर दुबारा सुल्फे को छूते नही दिमाग को अपने ध्यान को भक्ति समाधि योग में सीधा जोड़ने के लिए अघोरी और तांत्रिक सुल्फा प्रयोग करते है वो भी जरूरत पड़ने पे हर रोज हर समय नही, और तुम आज की पीढ़ी सुल्फा भांग गांजा बीड़ी सिगरेट शराब का नाम भगवान से जोड़ते हो।
अपनी फोटो लाइक करवाने के लिए कपड़े बदल बदलकर और हाथ मे सुल्फा लेकर माथे पर उल्टा सुलटा त्रिपुंड बनाकर बिना त्रिपुंड की महिमा जाने जो बैठ जाते हो तुम जैसे लोगों ने ही हमारे धर्म में ये नशेड़ीपना फैलाया है।
और ये सब बर्दाश्त के बाहर की चीज है इस तरह हमारे भगवान और धर्म का अपमान