तमिलनाडु में घर घर मे आदर पाने वाले कवि श्री पिराईसूदन,जो दर्जनों तमिल फिल्मों के गीत भी लिख चुके हैं... तीन बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार के अवार्ड विजेता भी रह चुके हैं...
जब पिराई सूदन... आस्कर विजेता ए आर रहमान के बुलावे पर ए आर रहमान के घर पहुंचे तो ए आर रहमान की माँ करीमा बेगम ने पिराई सूदन को घर मे प्रवेश करने से यह कहते हुए रोक दिया कि पहले पिराई सूदन जी को माथे पर लगा तिलक और ललाट पर लगा चंदन हटाना होगा !....दलील यह है तिलक चंदन और सनातन चिन्हों को धारण करने से रहमान का घर नापाक हो जाएगा.... मोमिन ईमान को नुकसान पहुचेगा !
पिराई सूदन जी अवाक रह गए.... भावुक कवि ह्रदय आसुओं से रो उठा... परंतु ए आर रहमान की माँ करीमा बेगम का दिल नहीं पसीजा ! पिराई सूदन जी... ए आर रहमान के दरवाजे से बैरंग और अपमानित होकर लौटे.... (लिंक कमेंट बॉक्स में)
ए आर रहमान का परिवार जन्मना मोमिन नहीं है.... एक मौलवी के लटको- झटकों के वशीभूत होकर दिलीप कुमार.... अल्लाह रक्खा रहमान हो गए... माँ जिसका नाम कस्तूरी शेखर था... वह करीमा बेगम हो गई... बाप कैसे मरा. यह 'अल्लाह ' ही जानता होगा !
ए आर रहमान की बेटी जो उच्च शिक्षित है... पूर्ण बुर्के में रहती है,जिसमे सिर्फ चश्मे से ढकी आंखे ही नुमाया होती हैं !... आस्कर लेते समय ए आर रहमान ने फरमाया था कि मैंने बुराई के मुकाबले अच्छाई चुनी... बेबकूफ़ लोग तालियां बजाने लगे ! मूर्खों को यह समझ मे नहीं आया कि ए आर रहमान.... बुराई... सनातन धर्म को कह रहा था और अच्छाई से उसका मतलब इस्लाम था !
साभार
हिन्दू इतिहास से सबक नहीं लेते और झूठे भाईचारे में अटके रहते है ।