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कोरोना संकट काल के दौरान रेलवे द्वारा लगातार जारी गतिविधियों में शामिल रेलवे कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने के लिए जारी कायाकल्प करने की कवायद में तमाम रेलवे कर्मचारियों के योगदान को याद किया जाएगा। रेल मंत्रालय द्वारा गुरुवार को पहली बार ऑनलाइन श्रमिक संगोष्ठी के आयोजन में देशभर से रेलवे श्रमिक संघों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
इस श्रमिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे के दो प्रमुख महासंघों एआईआरएफ व एनएफआइआर के प्रतिनिधियों रखल दास गुप्ता, गुमान सिंह, शिव गोपाल मिश्र, डॉ. एम राघवैय्या और महासंघ के अन्य पदाधिकारियों के समक्ष कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन अवधि के दौरान अपने कर्त्तव्यों का लगातार निर्वहन करने के लिए रेलवे कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
गोयल ने कहा कि उच्चतम स्तर से लेकर निम्नतम स्तर के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने लॉकडाउन अवधि के दौरान अपने कर्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन किया है।
संगोष्ठी में रेल राज्य मंत्री सुरेश सी. अंगड़ी, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी.के.यादव और रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
रेल मंत्री ने महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों को निर्देश दिया कि वे कर्मचारियों द्वारा सक्रिय रूप से इन विचारों को मंत्रालय तक पहुंचाएं। उन्होंने भारतीय रेलवे के कर्मचारियों को योद्धा की तरह काम करने के लिए बधाई दी और कहा कि भविष्य में भी रेलवे कर्मचारी कड़ी मेहनत करेंगे और भारतीय रेलवे को विश्व की सर्वश्रेष्ठ रेलवे के रूप में स्थापित करेंगें।
रेलवे का भर्तियों की प्रक्रिया तेज
रेलवे बोर्ड के डीजी (एचआर) डॉ. आनंद एस. खाटी ने संगोष्ठी में जानकारी दी कि भारतीय रेलवे में 12.18 लाख से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। हाल ही में 1.21 लाख कर्मचारियों की भर्ती की गई है और 1.40 लाख रिक्तियों के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संगोष्ठी के दौरान महासंघों के पदाधिकारियों ने कोविड के चुनौतीपूर्ण समय में रेलवे कर्मियों द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और रेलवे में होने वाले व्यापक परिवर्तनों की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करने की मांग की।
रेलवे यूनियनों के पदाधिकारियों ने कहा कि रेलवे के विकास वाले अभियान में रेलवे कर्मचारी मंत्रालय के साथ खड़े थे। कार्यकुशलता और वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार न केवल कर्मचारियों के हित में है बल्कि राष्ट्र हित में भी है। उन्होंने कहा कि रेलवे कर्मचारी इसके लिए किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी उठाने में सक्षम हैं।