सेकंड वर्ल्ड वार पराकाष्ठा पर थी ! इंग्लैंड के नगर के नगर जर्मन बमबाजी से तबाह होते जा रहे थे ! चर्चिल ने इंग्लैंड वासियों को 'रक्त' 'श्रम' , 'आसुओं' और 'पसीने' की आहुति देकर इंग्लैंड की जीत के लिए ललकारा ! इंग्लैंड वासियों ने भी अपने प्रधानमंत्री का पूरा साथ दिया ! मगर उसी समय एक भारतीय ने चर्चिल को चिट्ठी लिखी :-
"हिटलर और मुसोलिनी को न्योता दीजिए कि जो वह इंग्लैंड से चाहते हैं ले जाएं ! आपके सुंदर द्वीप, सुंदर इमारतों पर जर्मनी को कब्ज़ा कर लेने दीजिए ! बेशक वह आपकी धन-संपदा और ज़मीन पर कब्ज़ा पा जाएंगे,परंतु आपके दिमाग और आत्मा पर उनका कभी कब्ज़ा नही हो पाएगा !"
सेकंड वर्ल्स वार के दूसरे सबसे बड़े नायक विंस्टन चर्चिल ने पत्र पढ़ा और पत्र के नीचे नोट लिखा :-
"जो देशवासी इस जोकर में अपना # नेता और # आदर्श ढूंढते हैं, उस देश का भविष्य खतरे में है"
उस जोकर का नाम था,.. 'महात्मा गांधी' !! उन्हें अपने बारे में गलतफहमी हो गयी थी कि वो कोई ईश्वर दूत हैं और उनके पढ़ाये,... अहिंसा परमो धर्मः,... को अंग्रेज भी मानेंगे, जैसे उन पर अतिविश्वास करने वाले हिंदुओं ने किया था और आज तक भुगत रहे हैं।