हद हो गयी भाई... अब इन धूर्तों पर गुस्सा नहीं आ रहा बल्कि इनसे घिन लगने लगी है...
अभी टाइम्स नाऊ ने दस्तावेजों के साथ यह शर्मनाक सच्चाई उजागर की है कि देश के फ़रार भगोड़े आर्थिक अपराधी मेहुल चौकसी से राजीव गांधी फाउंडेशन बहुत मोटी रकम लेता था.
यहां याद दिला दूं दिनेश दुबे की जो इलाहाबाद बैंक के डायरेक्टर थे और जिन्होंने सितम्बर 2013 में बैंक द्वारा मेहुल चौकसी को दिए जा रहे डेढ़ हजार करोड़ रुपये के कर्ज का विरोध इसलिए किया था क्योंकि उस पर बकाया बैंक के हज़ारों करोड़ के कर्ज की रकम नहीं चुकाने के कारण मेहुल चौकसी ब्लैक लिस्ट था. लेकिन दिनेश दुबे के खुले विरोध के बावजूद "ऊपर" से आए फोन/संदेश के कारण मेहुल चौकसी को डेढ़ हजार करोड़ का कर्ज और दे दिया गया था तथा दिनेश दुबे को डायरेक्टर पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया गया था. देश से यह खतरनाक शर्मनाक सच्चाई दिनेश दुबे ने देश के हर न्यूज चैनल पर आकर स्वयं बताई थी. अब जब कलई खुल रही है तब पता चल रहा है कि राजीव गांधी फ़ाउंडेशन की आड़ में क्या और कैसा घिनौना खेल खेला जा रहा था. सितम्बर 2013 में ही नियमों की धज्जियां उड़ा कर मेहुल चौकसी को डेढ़ हजार करोड़ का कर्ज दिया गया था और 2013-14 में ही मेहुल चौकसी ने राजीव गांधी फाउंडेशन को मोटी रकम दी थी. ध्यान रहे कि राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी है तथा राहुल गांधी और मनमोहन सिंह और चिदम्बरम सदस्य हैं. भारत की सेना और सरकार के खिलाफ़ मीडिया आग और ज़हर उगलने वाले अजय शुक्ला नाम के कांग्रेसी धूर्त का जीजा सुमन दुबे इस राजीव गांधी फाउंडेशन का मुख्य चाकर है.
जरा करतूत देखिए इन धूर्तों की...
ये चीन की सरकार से चंदे की मोटी रकम ले रहे थे.
गरीबों, आपदा पीड़ितों की सहायता वाले प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सहयता कोष से मोटी रकम ले रहे थे.
देश के आम आदमी के पैसे से आम आदमी के लिए बनने वाले बजट से 100 करोड़ रुपये की रकम झटकने की जुगाड़ कर रहे थे.
देश से फ़रार आतंकी ग़द्दार जाकिर नायक से मोटी रकम ले रहे थे.
और आज उजागर हुआ कि देश से फ़रार आर्थिक आतंकी लुटेरे डकैत मेहुल चौकसी से भी मोटी रकम ले रहे थे.
इनकी ऐसी करतूतों के उजागर होने के बाद अब इन धूर्तों पर गुस्सा नहीं आ रहा बल्कि इनसे घिन लगने लगी है...