प्रमोद गुप्ता's Album: Wall Photos

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#padmanabh_swami_temple

केरल के सुप्रसिद्ध पद्मनाभ स्वामी मंदिर के प्रबंधन-संचालन-नियंत्रण के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट का सही निर्णय आया है कि इसमें त्रावणकोर महाराज वंशजों की प्रमुख भूमिका रहेगी, केरल सरकार की नहीं....

विगत छः वर्ष से निरंतर चली आ रही माँग, कि देश के सभी प्रमुख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएँ, शायद कोर्ट के इस निर्णय के बाद केन्द्र सरकार कुछ बदले... और जो ड्राफ्ट सरकार के समक्ष पाँच वर्ष पहले ही पेश किया जा चुका है, उस पर कोई निर्णय ले...

यदि ऐसा नहीं हुआ तो जिस प्रकार दक्षिण भारत (विशेषकर ईसाई प्रभाव वाले तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश) में मंदिरों की संपत्ति, धन, जमीन, गायें इत्यादि विधर्मियों द्वारा... IAS द्वारा... ट्रस्टियों द्वारा... वामी-कांगी-भाजपाई प्रशासनों द्वारा लूटी गई... वैसी ही आगे भी जारी रहेगी...

हिन्दू धर्मार्थी मंदिरों में यह सोचकर चढ़ावा देते रहेंगे कि यह राशि सनातन धर्म के काम आएगी, जबकि उसमें से बड़ा प्रतिशत विधर्मी-लुटेरे-भ्रष्ट लोग अपरोक्ष रूप से छीन ले जाएँगे... मंदिरों की कमाई से कभी हज के लिए... कभी मंदिरों की जमीन किसी सरकारी उपक्रम के लिए... तो कभी मंदिरों की संपत्ति कभी किसी फर्जी सरकारी योजना में मुफ्तखोरों के लिए... प्रदान की जाती रहेगी...

त्रावणकोर राजपरिवार की महारानी अस्वथि तिरुनल गौरी लक्ष्मीबाई, आज सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के बाद खुशी के आंसुओं के साथ बेटे के गले लगकर रो पड़ीं...

9 वर्ष लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन में त्रावणकोर शाही परिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है ..!! इस फैसले में केरल हाइकोर्ट का केरल सरकार के पक्ष में दिए गए निर्णय को पलट दिया है...मंदिर को केरल की वामपंथी सरकार के लूट तंत्र से बचा लिया गया.....

धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः।
तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।।