ज्योतिष, भविष्य कथन आदि में सैद्धांतिक विश्वास रखने के बावजूद उपयुक्त विद्वान न मिलने के कारण इनमें अंधविश्वास नहीं रखता लेकिन बहुत पहले किसी अभिलेख में पढ़ा था कि किसी ज्योतिषाचार्य ने मोदीजी की कुंडली में #शत्रुहंता योग का विकट संयोग बताया था।
उनका दावा था कि इस आदमी को निहत्था ही इक्कीस लठैतों के साथ कमरे में बंद कर दो तो भी दरवाजा यही खोलेगा।
हो सकता है संयोग हो लेकिन उनकी राजनैतिक यात्रा को अगर देखें तो इस पर विश्वास करने को बाध्य हो जाता हूँ।
जिसने जिस स्तर पर उनका विरोध किया उसको उसी स्तर की गति भोगनी पड़ी।
-शंकर सिंह वाघेला ने पंगा लिया, निबटे पड़े हैं।
-केशुभाई पटेल ने ईर्ष्या पाली, राजनीति से आउट।
-आडवाणीजी ने रास्ते में कांटे बिछाये, घर बैठे हैं।
-इटैलियन गांधी परिवार ने घोर शत्रुता की, दुर्गति जारी है
-इमरान ने ज्यादा उछलकूद दिखाई, थपड़िया दिये गये।
लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि भारत की आंतरिक घटनाओं की राई रत्ती जानकारी रखने वाले शी जिन पेंग को पता नहीं क्यों इस तथ्य की जानकारी नहीं हुई।
डोकलाम पर धोबीपाट खाकर भी कुछ नहीं सीख पाये और अब लद्दाख में पंगा ले लिया।
शी की हालत अब दुनियाँ देख रही है। खबरों के अनुसार लद्दाख, दक्षिणी चीन सागर और कमोबेश पूरे विश्व में चीन की गिरती प्रतिष्ठा के कारण चीन की सर्वाधिक शक्तिशाली संस्था पोलित ब्यूरो में उनका विरोध बढ़ता जा रहा है यद्यपि वे अभी भी पीएलए के समर्थन से अपनी सत्ता बनाये हुये हैं।
लेकिन हास्यास्पद यह है कि यह सब देखकर भी मोदी से निजी दुश्मनी पाले के पी शर्मा ओली को यह बात समझ नहीं आ रही।
इधर मोदी से पंगा लेकर दुर्गति करवाकर सबक सीख चुके इमरान की हालत उस 'नकटे' की है जो चाहता है कि सबकी नाकें कट जायें ताकि कोई उसे नकटा कहने वाला न रहे और इसीलिये खुद के घर में दाने न होने के बावजूद नेपाल को सहायता का प्रस्ताव दे रहा है और चीन से अनंतकाल तक के लिये दोस्ती का दम भर रहा है।
लेकिन मुझे इमेजिन होता है कि अकेले में इमरान जोर से पेट पकड़ कर हंस रहा है और बोल रहा है-