प्रमोद गुप्ता's Album: Wall Photos

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राम मंदिर को लेकर तीन मूर्खता पूर्ण बाते कही जा रही है
1) राम मंदिर से गरीबी कैसे जाएगी?
2) मंदिर के लिए मुसलमान के हाथ से मिट्टी क्यो ली जा रही है?
3) बीजेपी और मोदीजी का राम मंदिर में क्या रोल है?

1) राम मंदिर को गरीबी से वे ही लोग जोड़ रहे है जिन्हें सिर्फ शिवलिंग पर चढ़ने वाला दूध गरीबी का कारण लगता है जबकि समुदाय विशेष का फेक्ट्री सिस्टम जिम्मेदार नही लगता।

अयोध्या की बात करते है, अयोध्या में इतना विशाल मंदिर उसे टूरिस्ट स्पॉट बनाएगा। जब अयोध्या में पर्यटन बढ़ेगा तो विचार कीजिये की अयोध्या में कितनी नई दुकान होगी, फूल माला वाले माली से लेकर खड़ाऊ बनाने वाले बढई तक की दुकाने बढ़ेगी और घरेलू रोजगार मिलेगा। पड़ोसी राज्य दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड से ना जाने कितनी प्राइवेट बसे चलेगी जिन्हें रोबोट नही बल्कि इंसान ही चलाएंगे।

अयोध्या में कितने होटल बनेंगे? अयोध्या में कितने रेस्टोरेंट की आवश्यकता होगी? अयोध्या में कितना मैन पॉवर चाहिए होगा? क्या इससे लाखो को रोजगार नही मिलेगा?

2) दूसरा बिंदु मुसलमानो का है, तो इसमें देखिए प्रभु श्री राम बैकुंठ पधारने से पूर्व ही समूचे आर्यावर्त को एकसूत्र में बांध चुके थे। वे समस्त दक्षिण एशिया के शासक थे, ऐसे में हिन्दू हो या मुसलमान सभी उनकी प्रजा है। ये बात सही है श्री राम को सिर्फ हिन्दू, बौद्ध, सिख और जैन धर्म मे पूजा जाता है मगर राम का तो कोई धर्म नही है वे तो इन सबसे कही ऊपर है।

यदि कोई मुसलमान राम मंदिर में सहयोग दे रहा है तो उसमें कोई बुराई नही है। जहाँ तक यह डर है कि कही सेक्युलरिज्म ना फैलने लग जाये तो आपको जनता को समझाना होगा कि फैज खान जैसे लोग सच्चे मुसलमान है ही नही, फैज पर कीचड़ उछालना आपकी समस्या का समाधान नही है।

3) अब अगला सवाल है कि बीजेपी का राम मंदिर में क्या योगदान है? तो बीजेपी का वही योगदान है जो महाराज सुग्रीव का लंका विजय में था, शत प्रतिशत यदि वे ना होते तो लंका पर चढ़ाई असंभव थी। ठीक इसी तरह बीजेपी ना होती तो आज राम मंदिर असंभव था।

कांग्रेस ने राम मंदिर की कार्रवाई टलवाने का भरपूर प्रयास किया, इसके बाद वो शिलान्यास टलवाने कोर्ट तक पहुँच गए। बीजेपी ने भारत को कांग्रेस से ठीक वैसे ही बचाया है जैसे मराठा और सिख साम्राज्य ने मुगलो से बचाया था।

आज यदि उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की सरकार होती तो सुन्नी वफ्फ बोर्ड को मंदिर के पास ही जमीन मिलती और समस्या बढ़ जाती। बीजेपी का कार्य अभूतपूर्व है और राम मंदिर के लिये सभी दक्षिणपंथी संगठनों का हमें आभार मानना चाहिए।

जहाँ तक मोदीजी के आगमन की बात है तो एक बात समझिए कि प्रभु श्री राम सिर्फ भगवान विष्णु के अवतार मात्र नही थे वे भारत के सम्राट थे। उनके स्मारक का उद्घाटन भारत के वर्तमान सम्राट के हाथों ही होना चाहिए इसलिए मोदीजी का अयोध्या पधारना आवश्यक भी है और शासक होने के नाते उनका कर्तव्य भी।

बहरहाल सभी लोग सकारात्मक सोच रखे जो हो रहा है शुभ हो रहा है। अयोध्या भारतीय इतिहास का एक नया अध्याय है जो सीखाता है कि आप महात्मा गांधी के आदर्शों को अवश्य जीवित रखिये मगर चंद्रशेखर आजाद के आदर्शों को भी मत भूलिए। जब ये दो समीकरण एक हो जाएंगे तब हिन्दू भी यहूदियों से बेहतर एक शक्तिशाली समाज का निर्माण कर लेंगे।

जय श्री राम
हर हर महादेव
Parakh Saxena