TV, AC, गाडी, जेवर, शेअर्स, जमीन-जायदाद, बैंक बैलेंस कुछ नही. पिछले 8 सालों से पेंशन की भी रकम अपने गाँव की ग्राम पंचायत को दान दे दी।
शर्म आ रही है।
आँखो में नमी है।
असली महात्मा और राष्ट भक्त तो ये थे,.. *डॉ कलाम साहब.....*क्या ऐसे भी कोई नेता होते है?
यहां तो चपरासी भी करोड़पति होते है।
आपने तो इंसानियत की परिभाषा ही बदल दी...l