10 रुपये में गरीबों को खिलाने वाले #रामू_ताता का शनिवार को मदुरै में निधन हो गया। बचपन में मां गुजर गई। घर छोड़ कर मदुरै आ गए। कई साल तक ढाबा पर काम किया।
गरीबी में जीने के बाद गरीबों के लिए मदुरै में होटल खोल दिया। रामू ने कई दशक तक लोगों को 25 पैसे, एक रुपये और पांच रुपये में खिलाया।
महंगाई जब बहुत बढ़ गई तो पांच साल पहले उन्होंने खाने की कीमत 10 रुपये कर दी।
सम्मान और प्यार दिखाते हुए इनके होटल में इंजीनियर और डॉक्टर भी खाने के लिए आया करते थे। मदुरै के लोग इन्हें आदर से #रामू_ताता कह कर पुकारते थे।
#रामू_ताता इतने स्वाभिमानी कि कभी कोई सरकारी मदद नहीं ली। अपने होटल के लिए सरकारी राशन की दुकान से कभी कोई अन्न पानी नहीं लिया।
आज ही कहीं एक रिपोर्ट पढ़ रहा था जिसमें बताया गया था कि भारतीय मूल की 58 हस्तियों का एक समूह दुनियाभर में 36 लाख लोगों को रोजगार देता है और कुल मिलाकर 1000 अरब डॉलर की कमाई करता है।
ये हस्तियां अमेरिका, कनाडा और सिंगापुर सहित 11 देशों की कंपनियों के बड़े ओहदे पर काम कर रही हैं।
पढ़ कर अच्छा लगा कि विदेशों में हमारे भारतीय किस तरह बड़ी-बड़ी उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं...पर एक सवाल मन में आया कि व्यक्तिगत कामयाबी हासिल करने के सिवा भारत के लिए इन्होंने क्या किया है!
दुर्भाग्य है कि हम रामू ताता को नहीं जानते!
ईश्वर #रामू_ताता की आत्मा को शांति दें ।