जीवन का वास्तविक अर्थ अपने स्वभाव की स्वयं पहचान होना है।हमें देखना होगा कि हमारे अंदर काम,क्रोध,लोभ मोह,अहंकार आदि कितना है।इन पर विजय प्राप्त करने का प्रयास करते रहना होगा ।क्या हम दूसरों को देख कर ईर्ष्या तो नहीं करते यदि ऐसा है।तो हमें इससे बचना होगा।