ये वंदन की धरती है अभिनंदन की धरती है
ये अर्पण की भूमि है,ये तर्पण की भूमि है इसकी नदी नदी गंगा है इसका कंकड़ कंकड़ शंकर है
हम जियेंगे तो भारत के लिए मरेंगे तो भारत के लिये , मरनेके बाद हमारी अस्थियों को कोई कान लगाकर सुनेगा तो एक ही आवाज आयेगी
#भारत_माता_की_जय #जयहिंदकीसेना #वन्देमातरम