vishnu Bhaskar Joshi's Album: Wall Photos

Photo 3 of 4 in Wall Photos

ॐ जय विवेकानन्द ॐ

मित्रों!

स्वामी विवेकानंदजी महाराज के प्रसिद्ध सन्यासी शिष्यों के विषय में हम सब, कुछ अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें, इस उद्देश्य से इस लेख-माला का आरंभ किया जा रहा है। इसके लिए आधार 'स्वामी विवेकानंद के महान शिष्य' नामक पुस्तक; अनुवादक, स्वामी विदेहात्मानंद, प्रकाशन;अद्वैत आश्रम, 05, डिही एंटाली रोड कोलकाता, को लिया गया है।
यह पुस्तक रामकृष्ण संघ के ब्रह्मलीन स्वामी अब्जजानंद जी महाराज द्वारा,स्वामीजी की जन्मशताब्दी के अवसर पर, लिखित/प्रकाशित, 'स्वामीजीर पदप्रांते' नामक मूल बांग्ला-ग्रंथ का, हिंदी अनुवाद है।

इस ग्रंथ में स्वामी शुद्धानंद, विरजानंद, विमलानंद,
स्वरूपानंद, प्रकाशानंद, बोधानंद, आत्मानंद, सदानंद,
कल्याणानंद, निश्चयानंद, अचलानंद, शुभानंद,और
स्वामी परमानंद की जीवनी सम्मिलित है।

इन तेरह जीवनियों के माध्यम से लेखक ने स्वामी विवेकानंद के प्रमुख शिष्यों को मानों जीवंत कर दिया है और दिखाया है कि किस प्रकार इन लोगों ने अपने जीवन की विविध घटनाओं के द्वारा.."आत्मनों मोक्षार्थम् जगद्हिताय च,(अपनी मुक्ति तथा जगत के कल्याण हेतु) अर्थात 'भगवतप्राप्ति' तथा 'शिवज्ञान से जीवसेवा' के अभिनव युगादर्श को चरितार्थ किया था।

इन शिष्यों की जीवनकथा के माध्यम से हमें स्वामीजी के असाधारण व्यक्तित्व की कुछ नवीन झांकियां भी देखने को मिलती है और यह भी ज्ञात होता है कि वे कितने स्नेहपूर्वक अपने शिष्यों का मार्गदर्शन किया करते थे।

मैं उत्सुकतावश स्वामी परमानंदजी की जीवनी पढ़ रहा
था,अतः शुरुआत उन्हीं से करूंगा।बाद में निर्धारित क्रम का अनुपालन किया जाएगा।
ठाकुर/माँ/स्वामीजी से प्रार्थना है--इस कार्य में मेरी सहायता करें।