मोहम्मद मुरारी अली..........
वह विवाहित गृहस्थ है... उसके पांच संतानें हैं... ! बढ़िया महलनुमा मकान है, पूर्ण ऐश्वर्यपूर्ण जीवन है ! संपत्ति के ढेर पर बैठा है... वह मुजरा देखता है... वह शेरोशायरी करता है... महफिलें सजाता है... वह अल्लाह-अल्लाह करता है.... वह अली मौला -अली मौला में मस्त रहता है... वह अल्लाहू अल्लाहू गुनगुनाता है.... वह या हुसैन-या हुसैन में मगन रहता है.... वह कर्बला जाने का ख्वाइशमंद है... यह हिंदुओं को कुरान पढ़वाने का इच्छुक है... वह सरस्वती की मूर्ति के सामने नमाज़ अता करवाना चाहता है....
वह चढ़ावे की रकम से खास मज़हब वालों के लिए मदरसे और स्कूल बनाना चाहता है.... वह चढ़ावे की रकम से लोगों को हज भेजता है... वह चढ़ावे की रकम से चित्रकूट क्षेत्र में एक खास मज़हब वालों की ही मदद करता है... उसका सेक्रेटरी खास मज़हब का है... असर साफ दिखता है... रामकथा की आड़ में खास सनातन विरोधी एजेंडा चलाता है....
वह भगवान कृष्ण को 'यह आदमी' कहकर संबोधित करता है.... भगवान कृष्ण को 'टोटल फेल' कहता है... भगवान कृष्ण की बसायी नगरी द्वारिका को शराबियों की नगरी कहता है.... भगवान बलभद्र को शराबी कहता है...
वह भगवान राम,लक्ष्मण के कंधे से धनुष का हरण कर लेता है... भगवान राम की शस्त्रविहीन प्रतिमाएं बनवाता है.... अहंकार इतना कि वह स्वरचित मनगढंत रामायण छपवाता है... वह राम को लंका पर आक्रमण के लिए शर्मिंदा दर्शाता है... राम को युद्ध करने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से दोषी ठहराता है...
रामद्रोही...कृष्ण की निंदा करने वाले को सम्मान ? ख़ास मज़हब के प्रचारक को सम्मान... कभी नहीं...