जिन्हें इन 2 तस्वीरों में अंतर नहीं नजर आता उनके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। एक दिल्ली में शीशे के अंदर आतंकवादी के डर स भाषण दे रहा है और दूसरा लद्दाख 11000 फीट ऊंचाई पर सेना के बीच खुले में घूम रहा है यह प्रधानमंत्री का सैनिकों का हौसला बढ़ाने का और सैनिकों के साथ खड़ा होने का प्रथम सेवक का धर्म निभा रहे हैं।
नमो नमो