हमारे मित्र ने सबसे बढ़िया इन दो तस्वीरों को कैप्शन दिया है :-
#नियति_राजस्थान_की
अंततः वो भूख प्यास से व्याकुल हो कर मर गयी .।।
आप माने या ना माने ..राजस्थान के लिए आज भी साफ पानी ..बिजली और पक्की सड़कें सबसे बड़ा मुद्दा हैं ।#राजनीति से इसका कोई कोई लेना देना नही है
ऐसा नहीं है बारिश नहीं होती ..होती है पर सिर्फ 2 महीने सावन और भादो ,औए क्रूर सत्य ये है कभी कभी इन 2 महीनों में भी नहीं होती ।
फिर उसके बाद पड़ता है सूखा ..ये राज्स्थान नियति हैं ..राज्स्थानी इतने साल से रह रहे हैं आगे भी रह लेंगे ..व़ो बारिश के पानी को जमा करके रखते है वही इनके काम आता है
हथिनी मर गयी हल्ला हुआ ..हिमाचल में सरकारी आदेश पे बंदरो को मारा जा रहा है ये बात भी मैने ही उठाई ..बिहार में भी नील गायों को मारा जाता रहा है ..इंसानी क्रूरता की ये सब मिसालें है .. रखजस्थान के पास ऐसी कोई मिसाल नहीं है ..इनके पास है तो सिर्फ नियति।
एक सरकार उस ऊंट को जो ...10 से 12 दिन प्यासा रहता है ..उसको अगर पानी उपलब्ध न करवा पाए तो लानत भेजता हूँ उस सरकार को ..ये जलदाय विभाग का निक्कमपन कहिए या सरकार की हरामखोरी ये आप तय कीजिए ... ।
पानी की कीमत पूछिए हमसे ...ये वही ऊंट है जो थार में बॉर्डर पे दुश्मन की जासूसी करते हैं ।
एक सरकार का विफल होने का पैगाम है ये तस्वीर ...अपने गर्व को ..अपने गौरव को अगर नहीं बचा सकते तो इनके शौर्य का ढोल पीटना भी बन्द कर देना चाइए सरकारो को ..।
अगर पानी नहीं दे सकते तो सरकारो के बड़बोलेपन का तमाशा भी बन्द होना चाइए।
गहलोत साहब लानत है आपकी सरकार पे।
#जय_राजस्थान
जय भारत