कांग्रेस के शहजादे राहुल गांधी ने भारतीय रेलवे पर आरोप लगाकर कहा है की "कोरोना की आपदा के काल में भी भारतीय रेलवे श्रमिकों से टिकट के पैसे वसूलकर लाभ कमा रहा है"।
जबकि वास्तविकता यह है कि इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने पर रेलवे के 2,142 करोड़ों रुपए खर्च हुए और उसे मात्र 429 करोड रुपए प्राप्त हुए,
अब यदि आप हिसाब लगाएंगे तो यहां रेलवे को कोई लाभ नहीं हुआ उल्टा जनसेवा के अंतर्गत 1713 करोड़ रुपए का घाटा ही वहन करना पड़ा है,
परंतु झूठ के बंबू पर अपनी राजनीति का तंबू टिकाए बैठे कांग्रेसियों और उसके बौद्धिक दिव्यांगता और परम धूर्तता से ग्रसित शहजादे को अब भला ये कौन समझाए की लागत से अधिक आय को लाभ कहते हैं, और यदि आय, लागत से कम हो, तो उसे लाभ नहीं बल्कि घाटे की संज्ञा दी जाती है।