ओम प्रकाश पटेल's Album: Wall Photos

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एक प्रार्थना है!
साईं एक अफगानी शब्द है जिसका मतलब फकीर, संत होता है. साईं बाबा एक फ़कीर थे. और भी कई साईं विख्यात हैं जैसे साईं बुल्लेशाह. ये भी भारत में अफगानी फकीर थे. इनके प्रवचन, दोहे, सूफी गीतों की किताबें भारत में उपलब्ध है. मेरा प्रश्न है की क्या एक फकीर की एसी तस्वीरें बनाना उचित है जिसमें सर्वशक्तिमान ईश्वर के रूप में इन्हें दिखाया जाता हो? बेशर्मी की हद तो तब होती है जब फकीर साईं बाबा को हम हिन्दुओं के भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण और विष्णु भगवान के स्थान पर दिखाकर इन सर्वशक्तिमान ईश्वर को उनसे छोटे दिखाकर हिन्दुओं और हिन्दू धर्म को अपमानित करने की कोशिश होती है. मैं भी साईं भक्त था. मैं भी नासिक गया हूँ लेकिन तब भी मैं ईश्वर और अपने भगवान का एसा अपमान बर्दाश्त नहीं करता. आप साईं भक्त रहिये मुझे क्या किसी को कोई दिक्कत नहीं है. मैं सिर्फ यह कह रहा हूँ की क्या एक फकीर को भगवान, सर्वशक्तिमान ईश्वर और उससे भी आगे बढ़कर दिखाना उचित है? क्या यह ईश्वर का अपमान नहीं है? क्या यह हिन्दू धर्म का अपमान नहीं है? मेरी आप सब से बस इतना प्रार्थना है की आप ऐसे तस्वीरों का समर्थन नहीं विरोध करें. आप ईश्वर का अपमान नहीं करें, आप हम हिन्दुओं की भावनाओं का अपमान नहीं करें.
साईं सत्चरित्र में साईं बाबा केलिए यवन और मोमिन शब्द का प्रयोग हुआ है. यवन वे लोग थे जो यवन शासक मेनाणडर के बौद्ध धर्म स्वीकार करने के बाद अफगानिस्तान में उनके साथ अफगानिस्तान में ही बस गये थे. मुस्लिम आक्रमण के दौरान वे बौद्ध से मुसलमान बन गये थे इसलिए वे यवन जो बौद्ध बन गये थे और बाद में उनके वंशज मुस्लिम बन गये उन्हें मध्यकालीन भारतीय किताबों में भी यवन ही लिखा गया है. मोमिन का मतलब होता है अल्लाह, कुरान और नमाज पर इमान रखनेवाला. साईं सत्चरित्र पढने से स्पष्ट होता है की साईं बाबा एक मुस्लिम फकीर थे इसलिए मैंने साईं बाबा की पूजा बंद कर दिया क्योंकि मैं इतिहास का विद्यार्थी हूँ और मुझे इतिहास में कोई भी मुसलमान “इंसान” के मानदंडों पर खड़ा दिखाई नहीं देता. खैर ये मेरा व्यक्तिगत विचार है. आप जरूरी नहीं मेरे विचार से इत्तेफाक रखें. आप बेशक साईं बाबा को मानिये, उनकी पूजा कीजिये. कुछ हिन्दू तो हिंदुओं के हत्यारे, मुस्लिम आक्रमणकारियों के जासूस और भारत के दुश्मन गाजी, चिश्ती, औलिया आदि के मजार पर जाकर मत्थे टेकते हैं. साईं बाबा तो उनसे बेहतर ही हैं. मेरा आग्रह सिर्फ इतना है की एसी तस्वीरों से जिससे ईश्वर का अपमान होता हो, हम हिन्दुओं की भावनाएं आहत होती हो वैसी तस्वीरों का समर्थन और प्रसार न करें.
मैं सोशल साईट पर साईं बाबा के पूजा का विरोध करने वालों मित्रों से भी कहूँगा की जो हिन्दू भाई बहन साईं बाबा की पूजा करते हैं उनसे उलझें नहीं, उन्हें दुत्कारें नहीं, उनसे झगड़ा नहीं करें. उन्हें तथ्यों के साथ प्यार से समझाएं. उन्हें खुद अनुसन्धान करने को प्रेरित करें और यदि फिर भी साईं बाबा की पूजा करना चाहते हैं तो करने दे. साईं बाबा के पूजा का विरोध करने से ज्यादा जरूरी है हम हिन्दुओं की एकता क्योंकि हम हिन्दू एकजुट रहेंगे तभी हमारा हिन्दुस्थान अखंड और सुरक्षित रहेगा.
क्या करें! हम हिन्दुओं का दुर्भाग्य है! हम हिंदुओं को सेकुलरिज्म के षड्यंत्र ने इतना मुर्ख बना दिया है की साईं बाबा क्या लादेन और बगदादी की भी पूजा करने लगे अगर कोई विश्वास दिला दे की इनकी पूजा करने से सुख, सम्पत्ति आएगी और मन्नते पूरी होगी. गाजी जिसका मतलब ही होता है हिन्दुओं का हत्यारा, चिश्ती, औलिया आदि के मजार पर जाकर मत्थे तो पहले से ही टेकते आ रहे हैं.